Satna Crime: मध्य प्रदेश के सतना जिले में पुलिस ने एक अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा ली है. जिले के रामपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले उमरी टिकरी गांव में घटित एक रहस्यमयी मौत का खौफनाक सच सामने आया तो पूरा गांव और पुलिस सकते में आ गई. शुरूआत में जो मामला अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत का प्रदर्शित हो रहा था वह पीएम रिपोर्ट के बाद हत्या में बदल गया.
जानकारी के मुताबिक, करीब दो माह तक चली लंबी जांच के बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंची और हत्या के मामले में मृतक के बेटे तथा साक्ष्य छिपाने के आरोप में पत्नी को गिरफ्तार कर लिया. पारिवारिक कलह में आरोपी ने सुनियोजित हत्या की. घटना 4 मार्च की रात उमरी टिकरी गांव में हुई. जहां पर धीरेंद्र सिंह परिहार की हत्या हुई. मौत की सूचना रामपुर थाना पुलिस को दी गई. परिजनों ने बताया कि धीरेंद्र रात को घर से बाहर किसी काम से निकले थे तभी किसी अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी. गंभीर हालत में उन्हें तत्काल रीवा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने परिजनों की बातों के आधार पर अज्ञात वाहन के खिलाफ एक्सीडेंटल डेथ का मामला दर्ज किया और मामला शांत होता दिखा. धीरेंद्र के परिजनों की ओर से किसी व्यक्ति पर संदेह नहीं जताया गया और न ही किसी तरह की शंका व्यक्त की गई. ऐसे में पुलिस ने भी यह मान लिया कि यह एक सामान्य सड़क दुर्घटना है और औपचारिकताएं पूरी कर जांच को धीमी गति से जारी रखा. पुलिस की सूझबूझ से अंत में राज खुल ही गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुई हत्या की पुष्टि
घटना के कुछ दिन बाद जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो इसमें चौंकाने वाली जानकारी थी. रिपोर्ट में लिखा था कि मृतक की मृत्यु सिर पर धारदार हथियार से कई वार के कारण हुई है जो स्पष्ट रूप से एक मानव कृत्य था, न कि किसी सड़क दुर्घटना का नतीजा. इससे यह तय हो गया कि धीरेंद्र की मौत एक्सीडेंट नहीं बल्कि एक साजिशन हत्या थी.
शक की सुई घर की ओर
रिपोर्ट आते ही पुलिस ने घटना की गहराई से जांच शुरू की. मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों से पूछताछ की गई. पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार, मृतक का अपने बेटे आदर्श सिंह उर्फ निखिल से आए दिन विवाद होता था. आदर्श अक्सर देर रात घर आता शराब पीता और विवाद करता था. इस बात से पुलिस को गहरा संदेह हुआ. पुलिस जब गहन पूछताछ के लिए घर पहुंची, तब पता चला कि आदर्श सिंह और उसकी मां संतोष सिंह बिहार के एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने गए हैं. लेकिन जांच में यह भी सामने आया कि वे अचानक और जल्दबाजी में वहां पहुंचे हैं जिससे संदेह और गहरा गया. पुलिस को यह आशंका हुई कि कहीं वे फरार तो नहीं हो रहे हैं?
गिरफ्तारी के लिए ऐसे जाल बिछाया
पुलिस को अंदेशा था कि अगर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तो दोनों फरार हो सकते हैं. ऐसे में पुलिस ने एक व्यक्ति के माध्यम से मां-बेटे तक यह संदेश पहुंचवाया कि पुलिस को सच्चाई का पता चल चुका है लेकिन मामला मैनेज हो सकता है. इस चाल का उद्देश्य सिर्फ इतना था कि आरोपी सतना लौट आएं. पुलिस की चाल काम कर गई. मां-बेटे संतोष और आदर्श सतना लौटे और पुलिस से संपर्क किया. वहीं जैसे ही पुलिस को उनके वापसी की जानकारी हुई तत्काल दोनों को गिरफ्तार कर अंधी हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया.
पूछताछ में खुला राज
जैसे ही पुलिस ने सख्ती से पूछताछ शुरू की संतोष सिंह टूट गईं. उन्होंने कबूल किया कि 4 मार्च की रात को आदर्श सिंह ने अपने पिता धीरेंद्र सिंह परिहार की हत्या की थी. हत्या के पीछे का कारण लंबे समय से चले आ रहे पारिवारिक झगड़े और आदर्श की खराब आदतें थीं. घटना की रात आदर्श नशे में धुत था. वह देर रात घर लौटा और पिता से बहस हुई. जब पिता सो गए तो आदर्श ने घर में रखी कुल्हाड़ी उठाकर उनके सिर पर ताबड़तोड़ वार किए जिससे उनकी मौत हो गई. हत्या के बाद मां ने अपने बेटे को बचाने के लिए पूरी कहानी गढ़ी एक्सीडेंट का बहाना बनाया शव को उचित स्थान पर ले जाकर रखा और कुल्हाड़ी को धोकर छुपा दिया ताकि कोई साक्ष्य न बचे.
थाना प्रभारी संदीप चतुर्वेदी ने बताया कि आदर्श सिंह को हत्या और संतोष सिंह को साक्ष्य मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. दोनों को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया.
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