MP के इस अस्पताल में नाबालिग संग 4 दरिंदों ने किया गैंगरेप, मां बोली- पुलिस मुंह बंद रखने के लिए बना रही है दबाव

Sanjay Gandhi Hospital Rewa MP: संजय गांधी अस्पताल में नाबालिग किशोरी से गैंगरेप के मामले में पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह की पत्रकार वार्ता के एक घंटे के बाद ही रीवा के सरकारी अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता का बयान सामने आया. उसने चार लोगों पर दुष्कर्म करने की बात कही. इसके साथ ही आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई करने के बजाय पीड़िता पर ही दबाव डालती रही. इस घटना से आहत परिजनों ने दोषियों के घर तोड़ने और आरोपियों को फांसी देने की मांग की है. पीड़िता के इस बयान ने अस्पताल प्रबंधन और पुलिस की कहानी को पूरी तरीके से एक्सपोज कर दिया है.

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Sanjay Gandhi Hospital Gang Rape Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) के संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital ) में 8 और 9 की दरमियानी रात में जो कुछ हुआ, वह दिल को दहला देने वाला है. अस्पताल प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन तक ने इस मामले को दबाने का अपनी ओर से भरपूर कोशिश की. इसी कड़ी में लंबे समय तक पीड़िता और परिजनों को मीडिया से दूर रखा गया, लेकिन जैसे ही मीडियाकर्मी पीड़िता तक पहुंचे, तो पूरा मामला खुल गया. वहीं, इस मामले में अब तक एक आरोपी वार्ड बॉय महेंद्र को हिरासत में लिया गया है, जबकि बाकी तीनों खुले में घूम रहे हैं.

गैंगरेप को ऐसे दिया गया अंजाम

पीड़िता ने अपने साथ हुई दर्दनाक और हैवानियत भरी घटना की सिलसिलेवार जानकारी दी. उसने बताया कि वार्ड बॉय महेंद्र ने स्क्रीनशॉट लेकर मेरी गंदी फोटो बनाई, फिर मुझे धमकाया और बोला कि रात को 1:00 बजे सुपर अस्पताल के सामने मिलोगी, तो फोटो डिलीट कर दूंगा और नहीं आने पर भाई और पापा को फोटो भेज दूंगा. इसके बाद वहां पहुंचने पर वह घसीट कर अपने कमरे में ले गया. इस दौरान मनीष, विकास और सुरेंद्र भी पहुंच गया. लड़की ने बताया कि इसके बाद सब ने मेरे साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद मुझे वापस कमरे के बाहर छोड़ दिया. फिर मैं किसी तरीके से अर्ध बेहोशी की हालत में वापस अस्पताल पहुंची. बाद में पुलिस ने भी हमको इंसाफ देने के बजाय धमकाया. वहीं, पीड़िता के परिजनों का कहना है कि हमें ऐसा लग रहा था, जैसे हम ही हत्या के आरोपी हैं. लिहाजा, ऐसे अपराधियों को फांसी देनी चाहिए. उनके घर तोड़ देनी चाहिए, ताकि दूसरों को सबक मिले और फिर कभी दूसरों की बहन बेटी के साथ ऐसा न हो.

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इलाज के नाम पर मरीज को जबरदस्ती भर्ती रखा

आरोप है कि रीवा के संजय गांधी अस्पताल में लगभग एक महीने से ज्यादा समय तक एक मरीज को जबरदस्ती भर्ती करके रखा गया. कभी जांच के बहाने, कभी किसी अन्य बात को लेकर. लगातार आंख का ऑपरेशन टाला जाता रहा. इस दौरान वार्ड बॉय ने लड़की का नंबर ले लिया और फिर लड़की की पूरी फोटो निकाल कर, गंदी फोटो बना ली. बाद में इसी फोटो के आधार पर लड़की को ब्लैकमेल किया. पीड़िता का कहना है कि सुपर अस्पताल पर बुलाने के बाद जबरन घसीट कर कमरे में ले जाया गया, जहां सभी आरोपियों ने दुष्कर्म किया. किशोरी का आरोप है कि इससे पहले मुझे नशीली टैबलेट खिला दी गई.

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पुलिस के रवैये से परिजन हुए नाराज

इस पूरे मामले में परिजन पुलिस की कार्रवाई से बेहद असंतुष्ट नजर आए. लड़की के भाई बताया कि रात भर पुलिस टहलाती रही. इस दौरान जब लड़की मामा के घर गई, तो पुलिस वालों की ओर से धमकी देने पर वह डरकर ऑटो से रीवा पहुंची.  उसके बाद लगातार पुलिस प्रशासन दबाव डालता रहा कि ऐसा बोलो. इसके साथ ही मीडिया के सामने जाने से भी मना किया गया. उन्होंने बताया कि हम पुलिस की कार्रवाई से हम संतुष्ट नहीं है. इसके अलावा, अस्पताल प्रबंधन ने भी हमसे लिखवाया था कि हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं. इन लोगों ने बताया कि पुलिस तो ऐसे बात कर रही थी, जैसे हम लोगों ने जैसे किसी हत्या कर दी हो.

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पुलिस देती रही धोखा

परिजनों ने बताया कि पुलिस हमें आश्वस्त कर रही थी कि हमने मामला कायम कर लिया है, लेकिन उन्होंने कोई भी मामला दर्ज नहीं किया था. लड़की के भाई का कहना है कि चारों आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. उनके घर को तोड़ा जाना चाहिए, जिससे लोगों को सबक मिले, ताकि अस्पताल के अंदर जो कुछ हुआ है, वह किसी दूसरी बहन-बेटी के साथ न हो. लड़की की मां भाई और खुद लड़की से एनडीटीवी संवाददाता ने बातचीत की, तो बेहद दर्दनाक बात निकाल कर सामने आई है. 

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