UPSC Result 2024: यूपीएससी के इंटरव्यू में पैनल ने पूछा था ये सवाल, खंडवा की रूपल के जवाब पर जमकर लगे थे ठहाके

UPSC Result 2024 Out: अपनी सफलता के मौके पर रूपल ने अपने साक्षात्कार के वक्त की बातों को याद किया. रूपल ने बताया कि यूपीएससी के इंटरव्यू के दौरान उनसे बेहद रोचक सवाल पूछे गए.

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यूपीएससी में 512वी रैंक हासिल करने वाली रूपल जायसवाल.

UPSC CSE Result 2024: यूपीएससी 2024 के फाइनल नतीजे आ चुके हैं. इन नतीजे में खंडवा (Khandwa) की रहने वाली रूपल जायसवाल (Rupal Jayaswal) ने भी सफलता हासिल की है. रूपल के पिता पेशे से इंजीनियर है. रूपल ने वकालत की पढ़ाई कर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) में वकालत भी की, लेकिन वकालत छोड़कर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Result 2024) देने की ठानी और इस एग्जाम में सफल होकर 512 रैंक हासिल की है. रूपल ने अपनी इस सफलता से न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि  खंडवा का भी नाम रोशन किया.

अपनी सफलता के मौके पर रूपल ने अपने साक्षात्कार के वक्त की बातों को याद किया. रूपल ने बताया कि यूपीएससी के इंटरव्यू के दौरान उनसे बेहद रोचक सवाल पूछे गए. दरअसल, वह लॉयर थी, तो वकालत से जुड़े सवाल उनसे अधिकतर पूछे गए. रूपल ने बताया कि जैसे ही वह इंटर हुई, तो सबसे पहले उनसे कोई सवाल नहीं पूछा, बल्कि यह कहा गया कि आप कोर्ट एक्सपर्ट हैं. इसलिए हम आपसे कोई क्रॉस क्वेश्चन नहीं करेंगे. फिर रूपल से पूछा गया कि ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस के बारे में उनका क्या ओपिनियन है, तो उन्होंने जवाब दिया कि हां वह इस पक्ष में है और जुडिशल वैकेंसी होनी चाहिए.

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इस सवाल के जवाब पर हंस पड़े पैनल के सदस्य

इस दौरान सबसे खास सवाल यह था कि जज की छुट्टियों को कम करने की जरूरत है क्या ? क्योंकि जुडिशल पेंडेंसी बहुत ज्यादा हो रही है. इसके जवाब में रूपल ने उनसे कहा कि जज की छुट्टियां आम आदमी की छुट्टियों से अलग होती है. वह छुट्टियों के दौरान मजे नहीं कर रहे होते है, बल्कि उस दौरान भी वह केस फाइल पढ़ रहे होते हैं, या जजमेंट तैयार कर रहे होते हैं, क्योंकि इन सब चीजों में बहुत ही कड़ा परिश्रम लगता है. इसलिए उनकी छुट्टियां बिल्कुल भी कम नहीं करना चाहिए. इस पर इंटरव्यू कर रहे लोगों ने उनसे पूछ लिया कि देखा गया है कि जज छुट्टियां लेकर अंडमान निकोबार दीप घूम रहे होते हैं, तो क्या वहां पर भी केस फाइल लेकर जाते हैं. इस पर रूपल ने जवाब दिया कि हां शायद वहां भी वह केस फाइल लेकर जाते होंगे. इसपर इंटरव्यू कर रहा पूरा पैनल हंस पड़ा था.

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रूपल बताती है कि उन्होंने सफलता को पाने के लिए कठिन परिश्रम किया है. उन्होंने लगातार पढ़ाई की, लेकिन इतना भी नहीं की कि पूरा दिन ही उसमें लगी रही हो. उन्होंने हर दिन बुक उठाकर 7 से 8 घंटे तक पढ़ाई की है. लोग अक्सर कहते हैं कि पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया बाधा बनती है, लेकिन रूपल ने बताया कि उन्होंने कभी भी सोशल मीडिया से दूरी नहीं बनाई, बल्कि वह अपने दोस्तों से मुलाकात भी करती थी. उनके साथ घूमती भी थी, लेकिन समय पर पढ़ाई भी करती थी. इतना ही नहीं, उन्होंने परिवार के कामों में हाथ भी बंटाया.

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