PM Modi Independence Day Speech: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 साल पूरा होने का उल्लेख किया और कहा कि इस संगठन की राष्ट्रसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है. उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है और यह प्रेरणा देता रहेगा. वहीं कांग्रेस सहित विपक्षी पर्टियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस की तारीफ करके संवैधानिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का उल्लंघन किया है तथा आरएसएस को खुश करने की कोशिश की है.
PM मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आसएसएस) की जमकर सराहना की. उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) करार देते हुए कहा कि संघ ने 100 वर्षों तक राष्ट्र की सेवा गौरवपूर्ण तरीके से की है.
इसी साल मार्च में अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ हुए इस साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस के उनके जीवन पर प्रभाव की चर्चा की थी. उन्होंने अपने बचपन और संघ के कार्यों, जैसे झुग्गी-बस्तियों में सेवा, आदिवासी कल्याण, और लाखों बच्चों को सस्ती शिक्षा प्रदान करने के बारे में विस्तार से बताया था. पीएम मोदी ने संघ के सेवा कार्यों को महत्वपूर्ण बताया था.
संभवत: यह पहली बार था जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में आरएसएस का इस तरह विस्तृत उल्लेख किया. आरएसएस की तारीफ करने को लेकर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा.
विपक्षी दलों ने क्या कहा?
कांग्रेस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी पद पर बने रहने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सरसंघचालक मोहन भागवत की ‘‘कृपा'' पर निर्भर हैं, इसलिए उन्होंने लाल किले की प्राचीर से इस संगठन को खुश करने की हताशा भरी कोशिश की है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि ‘‘प्रधानमंत्री आज थके हुए थे और जल्द ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए स्वतंत्रता दिवस का यह राजनीतिकरण देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है.
उन्होंने कहा, ‘‘आज प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे परेशान करने वाला पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का घोर उल्लंघन है.'' रमेश ने आरोप लगाया कि यह अगले महीने उनके 75वें जन्मदिन से पहले आरएसएस को खुश करने की एक हताशा से भरी कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कभी भाजपा ने धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी रास्ते पर बढ़ने की बात की थी, लेकिन संघ परिवार का रास्ता धर्मनिरपेक्ष नहीं है.
पार्टी महासचिव एम ए वेबी ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और इतिहासकारों ने ‘‘सांप्रदायिक दंगे भड़काने'' में इस संगठन की भूमिका का दस्तावेजीकरण किया है.
उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘79वें स्वतंत्रता दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं. औपनिवेशिक शासन से आज़ादी की भारत की यात्रा लंबी और कठिन थी. शहीद भगत सिंह और अशफ़ाक़उल्लाह ख़ान जैसे शहीद न सिर्फ़ आज, बल्कि हर दिन हमारी यादों में ज़िंदा हैं.'' वामपंथी नेता ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी से लेकर सुभाष चंद्र बोस तक, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद से लेकर कॉमरेड पी. कृष्ण पिल्लई तक और अनगिनत अन्य लोगों द्वारा किए गए निस्वार्थ संघर्ष हमारी आज़ादी की नींव हैं.'' बेबी ने आरोप लगाया कि आरएसएस की प्रशंसा करके प्रधानमंत्री ने ‘‘हमारे शहीदों की स्मृति का अपमान किया है.''
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