रीवा में फिर पानी में डूबने से हुई मौते, इस एक गलती ने लील ली 3 जिंदगियां

Rewa News MP : रीवा में लगातार दूसरे दिन तीन सगी बहनों की पानी में डूबने से मौत हो गई, जबकि एक दिन पहले दो अन्य बच्चियों की भी डूबने से मौत हो चुकी थी. इस तरह 2 दिन में दो परिवारों की पांच बच्चियों की मौत हो चुकी है.

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रीवा में फिर पानी में डूबने से हुई मौते, इस एक गलती ने लील ली 3 जिंदगियां

Rewa News MP : रीवा में लगातार दूसरे दिन तीन सगी बहनों की पानी में डूबने से मौत हो गई, जबकि एक दिन पहले दो अन्य बच्चियों की भी डूबने से मौत हो चुकी थी. इस तरह 2 दिन में दो परिवारों की पांच बच्चियों की मौत हो चुकी है. यदि पिछले 10 दिनों के आंकड़े देखें, जिसमें गढ़ में दीवार गिरने की घटना भी शामिल है, तो अब तक तीन परिवारों के नौ बच्चों की मौत हो चुकी है. गोविंदगढ़ थाना अंतर्गत तमरा गांव में नाग पंचमी के दिन लड़कियों ने खुशी-खुशी पुतलियां बनाई थीं और उन्हें बहाने गई थीं. लेकिन पुतलियां बहाने के दौरान गड्ढे में डूबने से तीनों बच्चियों की मौत हो गई. तीनों सगी बहनें थीं, जिनकी उम्र 6, 7 और 8 साल थी. जिस जगह लड़कियां डूबी थीं. वहीं, पास में उनकी बनाई हुई पुतलियां भी पड़ी हुई थीं.

जानिए कैसे हुआ ये हादसा ?

नाग पंचमी के दिन देर शाम रीवा में एक और दुखद हादसा हो गया. गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के तमरा गांव में पानी में डूबने से एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत हो गई. एक दिन पहले ही गढ़ थाना क्षेत्र के बांसगांव में नहर में डूबने से दो बच्चियों की मौत हुई थी. वहीं, 10 दिन पहले गढ़ में दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत हुई थी. इस प्रकार तीन परिवारों ने अपने आठ बच्चों को असमय ही खो दिया.

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नागपंचमी के दिन है मान्यता

रीवा जिले के आसपास के इलाकों में नाग पंचमी के दिन बच्चे पुतलियां बनाते हैं और उनकी पूजा कर उन्हें पानी में बहा देते हैं. यह परंपरा लंबे समय से निभाई जा रही है. गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के तमरा गांव में राजकुमार रजक की तीनों बेटियां सोनाली, जानवी और तन्वी, जिनकी उम्र 6, 7 और 8 साल थी, ने घर पर पुतलियां बनाई थीं और उन्हें देर शाम घर के पास बहाने गई थीं. वहां एक टैंक खुदा हुआ था, जो हालिया तेज बारिश के कारण पूरी तरह भर चुका था. लड़कियों को टैंक की गहराई का अंदाजा नहीं हुआ और वे उसमें डूब गईं.

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गहरे टैंक में डूबी लड़कियां

टैंक की गहराई लगभग 5 से 6 फीट थी, लेकिन छोटी बच्चियों के लिए यह गहरा सागर जैसा था. जैसे ही गांव वालों को इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत टैंक में उतरकर लड़कियों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी. जिस जगह लड़कियां डूबी थीं, वहीं पास में उनकी बनाई हुई पुतलियां भी पड़ी थीं, जिसे देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए.

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हंसी का माहौल मातम में बदला

तमरा गांव में गहरा सन्नाटा पसरा हुआ है. त्योहार का दिन था, गांव में हंसी-खुशी का माहौल था. छोटे-छोटे बच्चों ने अपने-अपने घरों में पुतलियां बनाई थीं. बच्चे बेहद खुश थे, लेकिन पूजा के बाद पुतलियां बहाने के दौरान यह हादसा हो गया. एक ही परिवार की तीन बच्चियों की टैंक में गिरने से मौत हो गई. जिसने भी यह सुना, वह फौरन ही राजकुमार के घर की ओर भागा.

बीते दिन भी हुआ था हादसा

त्योहार का हंसी-खुशी भरा माहौल गम में बदल गया. पुतलियां बहाने गईं बच्चियां खुद पानी में डूब गईं और पुतलियां वहीं पर पड़ी रह गईं. लगातार दो दिनों में पांच लड़कियों की मौत पानी में डूबने से हो गई. गुरुवार को गढ़ थाना क्षेत्र के बांसगांव में दो सगी बहनों की मौत हुई थी, और शुक्रवार को गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के तमरा गांव में तीन सगी बहनों की मौत हो गई.

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