Mother's Day पर पुलिस वालों ने इस गरीब महिला को दिया ऐसा तोहफा, जानकर आप भी करेंगे तारीफ

MP News hindi: बच्चों का अपहरण करने के बाद उसे तत्काल मुंबई के कल्याण ले जाया गया. जहां अमोल मधुकर और प्रदीप कोलंबे ने 9 लाख में बच्चे को खरीद कर अपने परिचित कृष्णा शांताराम को 29 लाख में बेच दिया था. पुलिस ने एक-एक करके कड़ी जोड़कर ये बड़ी सफलता हासिल की, जिसमें रीवा की साइबर सेल ने भरपूर मदद की. मुंबई जाने वाली टीम का नेतृत्व श्रीमती रितु उपाध्याय सीएसपी, रीवा ने की थी.

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MP News Today: मातृ दिवस (Mother's Day) दुनियाभर की माएं अपने-अपने बच्चों से सम्मान पाकर बेहद खुश थी. वहीं, रीवा की एक मां अपने बच्चे के खोने के गम में डूबी हुई थी. इसी बीच रीवा पुलिस इस महिला के लिए फरिश्ता बनकर आई और उसके खोए हुए बच्चे को लौटा कर उसे मातृ दिवस का सच्चा और सबसे बड़ा तोहफा दिया. इसी के साथ बच्चा चोरी करने वाले 11 सदस्यीय  गिरोह को भी पुलिस ने पकड़ लिया है.

 मुंबई से बच्चा हुआ बरामद

7 मई को रीवा के कॉलेज चौराहे से एक बच्चे को चुरा लिया गया था. बताया जाता है कि फुटपाथ पर रहकर गुजर बसर करने वाले जयपुर से आए परिवार के बच्चों को मोटरसाइकिल पर आए दो लोग उठा ले गए थे. इन लोगों ने बच्चों को सीधे मुंबई पहुंचा दिया गया था. जहां से बच्चे को बरामद कर लिया गया है. आज ही शाम पुलिस टीम मुंबई से बच्चा लेकर रीवा वापस लौटी थी.  

 7 मई को हुई थी बच्चे की चोरी

बच्चे के बाबा तीरथ प्रसाद के अनुसार आरेश के पिता का नाम अरविंद और माता का नाम मनीषा बाई है. बच्चा अपने पूरे परिवार के साथ 7 मई को रीवा की लाल बत्ती चौराहे पर कमिश्नर बंगले के ठीक सामने से कॉलेज चौराहे के पास तक बने फुटपाथ पर मच्छरदानी में सो रहा था. तभी मोटरसाइकिल से आए नकाबपोशों ने मच्छरदानी हटाई और बच्चे को लेकर भागने लगे. इसी दौरान पूरा परिवार जाग गया. उन्होंने मोटरसाइकिल वालों का पीछा करने की कोशिश की, लेकिन उसमें कामयाब नहीं हुए. तत्काल ही सिविल लाइन थाने पहुंचे और मामला दर्ज कराया. मामला संवेदनशील और सनसनीखेज था. इसके साथ ही बच्चों को खोजना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण काम था. पुलिस ने तत्काल ही अपराध क्रमांक 222/2024 धारा 363, 370, 34 के तहत अपराध पंजीकृत किया और जांच प्रारंभ कर दी.

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इस गिरोह ने किया था बच्चे का अपहरण

इस घटना के बाद आईजी और डीआईजी सहित पूरा पुलिस प्रशासन सड़कों पर आ गया. तत्काल ही पुलिस कप्तान विवेक सिंह के नेतृत्व में टीमों का गठन किया. बच्चा चोरी होने के दूसरे दिन ही बच्चा चुराने वाले दो व्यक्तियों में से एक युवक पुलिस की गिरफ्त में था,  जिसे उसके निवास मऊगंज से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसकी पहचान 19 वर्षीय मोहम्मद सलीम के रूप में हुई. उसने बताया कि इस काम में उसका दूसरा साथी अतुल जायसवाल था, जो कि अभी तक फरार है. मोहम्मद सलीम से कड़ाई से पूछताछ में जो जानकारी सामने आई उसके मुताबिक नितिन सोनी, उसकी पत्नी स्वाति सोनी ने अपनी पूरी टीम मोहम्मद हारुन, मोहम्मद सलीम, कुमारी मुस्कान रावत, देवेश जायसवाल, ड्राइवर गुड्डू गुप्ता के साथ मिलकर बच्चे आरेस का उसके माता-पिता की मौजूदगी में अपहरण किया था.

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अपहरण के बाद बच्चे को ले जाया गया मुंबई

 बच्चों का अपहरण करने के बाद उसे तत्काल मुंबई के कल्याण ले जाया गया. जहां अमोल मधुकर और प्रदीप कोलंबे ने 9 लाख में बच्चे को खरीद कर अपने परिचित कृष्णा शांताराम को 29 लाख में बेच दिया था. पुलिस ने एक-एक करके कड़ी जोड़कर ये बड़ी सफलता हासिल की, जिसमें रीवा की साइबर सेल ने भरपूर मदद की. मुंबई जाने वाली टीम का नेतृत्व श्रीमती रितु उपाध्याय सीएसपी, रीवा ने की थी.

पुलिस टीम को मिला 30000 का इनाम

रीवा की उस पुलिस टीम को आईजी रीवा महेंद्र सिंह सिकरवार ने ₹30000 इनाम देने की घोषणा की है, जिसने बच्चा चोर गिरोह को पकड़ने में कामयाबी पाई. आईजी रीवा का कहना है यह हमारे लिए चैलेंजिंग मामला था, लेकिन हमारी पुलिस टीम ने बेहतर काम किया,जिसके चलते इस मामले में डीजीपी भी नकद इनाम की घोषणा कर सकते हैं. इसके साथ ही बच्चा चोरी होने के बाद जिगर के टुकड़े को सही सलामत लौटाने पर पुलिस का शुक्रिया अदा किया है. 

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