धारा न बढ़ाने के एवज में मांगी थी 10 हजार की रिश्वत, 4500 रुपये लेते चढ़ा लोकायुक्त के हत्थे

Lokayukta Action: लोकायुक्त पुलिस ने देहात थाने में पदस्थ नगर सैनिक को शिकायतकर्ता से 4,500 रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया. दरअसल, नगर सैनिक और प्रधान आरक्षक की ओर से पीड़ित से दस हजार रुपये की मांग की गई थी. इस मामले में 55 सौ रुपये पहले ही ले लिया गया था.

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भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए रीवा संभाग लोकायुक्त ने मंगलवार को मैहर में ट्रैप की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. लोकायुक्त पुलिस ने देहात थाने में पदस्थ नगर सैनिक को शिकायतकर्ता से 4,500 रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया. दरअसल, नगर सैनिक और प्रधान आरक्षक की ओर से पीड़ित से दस हजार रुपये की मांग की गई थी. इस मामले में 55 सौ रुपये पहले ही ले लिया गया था. अब 4500 रुपये लेते वक्त लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद देहात थाना में हड़कंप मचा हुआ है.

बताया गया है कि शिकायतकर्ता आनंद कुमार कुशवाहा ने लोकायुक्त को बताया था कि उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण में धाराएं न बढ़ाने के एवज में प्रधान आरक्षक श्यामलाल चौधरी (196) और नगर सैनिक बृजेंद्र कुमार मिश्रा (204) की ओर से 10,000 रुपये की मांग की जा रही है. शिकायत को गंभीरता से लेते हुए लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रीवा, सुनील कुमार पाटीदार ने तुरंत सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कराई.

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आरोपी ऐसे चढ़े हत्थे

सत्यापन के दौरान स्पष्ट हुआ कि आरोपीगण ने पहले ही 5,500 रुपये ले लिए हैं. बाकी बचे 4,500 रुपये की डील तय होने पर मंगलवार को लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया. पुलिस अधीक्षक के निर्देशन और उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में निरीक्षक उपेंद्र दुबे और 12 सदस्यीय दल ने देहात थाना परिसर में नगर सैनिक बृजेंद्र कुमार मिश्रा को शिकायतकर्ता से रिश्वत की शेष राशि लेते ही धर दबोचा.

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इस कार्रवाई के दौरान प्रधान आरक्षक श्याम लाल चौधरी का नाम भी आरोपी के रूप में सामने आया है. दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है. लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए नगर सैनिक के हाथ से रासायनिक परीक्षण में रिश्वत के नोटों पर लगे प्रमाणिक रंग के निशान मिले हैं, जो सीधे रिश्वतखोरी की पुष्टि करता है. टीम ने मौके से जरूरी दस्तावेज और साक्ष्य भी जब्त किए हैं. लोकायुक्त रीवा संभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की रिश्वत मांगने या देने की घटना की तुरंत सूचना दें, ताकि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.

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