IIT Indore ने नई तकनीक का किया आविष्कार,  अब वेस्ट फूड के इस्तेमाल से बढ़ेगी निर्माण की ताकत

IIT Indire Research: आईआईटी इंदौर के एक अनुसंधान में कहा गया है कि खाद्य अपशिष्ट के साथ एक गैर रोगजनक बैक्टीरिया को मिलाकर इसे कंक्रीट में मिश्रित करने से निर्माण की ताकत दोगुनी हो सकती है और कार्बन उत्सर्जन में भी कटौती की जा सकती है.

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IIT Indore News: दुनिया भर में वेस्ट फूड  का उचित निपटारा नहीं होने से बढ़ता कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर्यावरण के लिए गंभीर चुनौती बनकर उभर रहा है. ऐसे में इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Indore) के अनुसंधानकर्ताओं ने वेस्ट फूड  के इस्तेमाल का अनोखा तरीका खोज निकाला है.

दरअसल, आईआईटी इंदौर के एक अनुसंधान में कहा गया है कि वेस्ट फूड  के साथ एक गैर रोगजनक बैक्टीरिया को मिलाकर इसे कंक्रीट में मिश्रित करने से निर्माण की ताकत दोगुनी हो सकती है और कार्बन उत्सर्जन में भी कटौती की जा सकती है. रिसर्च टीम में शामिल प्रोफेसर संदीप चौधरी ने बुधवार को एक समाचार एजेंसी से बताया कि हमने खराब फलों के गूदे और इनके छिलकों जैसे वेस्ट फूड में एक गैर रोगजनक बैक्टीरिया मिलाया और इसे कंक्रीट में मिलाया, इससे कंक्रीट की मजबूती दोगुनी हो गई.

ऐसे मजबूती करता है प्रदान

सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ने बताया कि जब वेस्ट फूड सड़ता है, तो इससे कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है. अगर हम कंक्रीट में बैक्टीरिया और वेस्ट फूड मिलाते हैं, तो कार्बन डाइ आक्साइड कंक्रीट में मौजूद कैल्शियम आयनों के साथ प्रतिक्रिया करके कैल्शियम कार्बोनेट क्रिस्टल बनाती है. ये क्रिस्टल कंक्रीट में मौजूद छेदों और दरारों को भर देते हैं और वजन पर कोई खास असर डाले बिना कंक्रीट को ठोस बनाते हैं.

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पहली महंगी थी ये तकनीक

चौधरी के मुताबिक, इस बैक्टीरिया की खासियत यह है कि छेदों और दरारों के भरते ही यह बढ़ना बंद कर देता है, जिससे बाद में निर्माण को कोई नुकसान नहीं होता. अनुसंधान में आईआईटी इंदौर के जैव विज्ञान और जैव चिकित्सा इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर हेमचंद्र झा भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि कंक्रीट में बैक्टीरिया मिलाने के पुराने अनुप्रयोगों में सिंथेटिक रसायनों का उपयोग किया जाता था, जिससे यह प्रक्रिया महंगी और कम टिकाऊ हो जाती थी.

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झा ने बताया कि आईआईटी इंदौर के अनुसंधान में इस प्रक्रिया की लागत घटाने के लिए सिंथेटिक रसायनों के बजाय वेस्ट फूड का इस्तेमाल किया गया जो बैक्टीरिया के साथ पानी में घुलकर कंक्रीट में आसानी से मिल जाता है.

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