26 जनवरी के मौके पर सतना से 16 कैदी हुए रिहा, जेल अधीक्षक ने दी नेक काम करने की नसीहत 

MP News: मध्यप्रदेश के 4 जिलों की जेलों में बंद 53 कैदियों को गणतंत्र दिवस के मौके पर रिहा किया जा रहा है. इनके अच्छे आचरण के कारण सज़ा पूरी होने से पहले ही रिहा करने की घोषणा की गई है.

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Republic Day 2024: सतना से 16 कैदी हुए रिहा, जेल अधीक्षक ने दी नेक काम करने की नसीहत

आज 26 जनवरी के मौके पर मध्य प्रदेश की जेलों में बंद 53 कैदियों को ख़ास तोहफा मिला. इन कैदियों की आज रिहाई हो रही है. इनकी रिहाई की खबर के बाद परिजन काफी खुश हैं. इसी कड़ी में सतना जिले के भी 16 कैदियों को रिहाई मिली है. जिनमें से 15 पुरुष और एक महिला कैदी शामिल है. इसमें बड़ी बात यह है कि इन 16 कैदियों में से चार सगे भाई एक साथ आजीवन कारावास की सजा काटकर आज रिहा हुए. इन कैदियों में से सतना जिले के 4 कैदी, मैहर का 1 कैदी, पन्ना जिले के 4 कैदी और छतरपुर जिले के 7 कैदियों को रिहा किया गया है. इनमें से 15 पुरुष और एक महिला कैदी शामिल है.

एक ही परिवार के 4 भाई जेल से हुए रिहा 

बड़ी बात यह है कि इस मौके पर 16 बंदियों में से एक ही परिवार के 4 सगे भाइयों की रिहाई की गई है. जानकारी के मुताबिक, यह चारों भाई मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बिजावर के धामपुर गांव के रहने वाले हैं. साल 2009 में इन चारों भाइयों की गांव कहीं नजदीक रहने वाले असाटी परिवार से ढाई एकड़ जमीन को लेकर विवाद हो गया था. चारों भाइयों का कहना था कि यह जमीन हमारी है और इस जमीन से अपना कब्जा हटा लो. दोनों पक्षों में कईदिनों तक समझाइश का दौर भी चला और कुछ विवाद भी हुए. इसी कड़ी में आखिर में दोनों परिवार में सन 2009 में जमकर लाठी डंडे चले. जिनमें से चारों भाइयों ने मिलकर असाटी परिवार के दो भाइयों को मौत के घाट उतार दिया.

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जेल अधीक्षक ने कैदियों को दी ये सीख 

घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने चारों भाइयों को गिरफ्तार किया. चारों भाइयों लखनलाल दुबे, कमलेश दुबे, लक्ष्मी प्रसाद दुबे, विनोद दुबे पिता बाबूलाल दुबे को पुलिस ने अदालत पेश किया जहां से चारों भाइयों को जेल भेज दिया गया. चारों भाइयों ने साल 2009 से अभी तक करीब 14 साल से ज्यादा आजीवन कारावास की सजा जेल के अंदर काटी.  इसके बाद आज चारों भाइयों की एक साथ रिहाई हुई और चारों भाइयों में बेहद उत्साह दिखाई दिया. वहीं, सभी कैदियों की रिहाई पर केंद्रीय जेल अधीक्षक (Central Jail Superintendent) लीना कोष्टा ने सभी को एक सुंदरकांड और एक वृक्ष देकर उन्हें जीवन में अच्छे कार्य करने की समझाइश दी. साथ ही कहा कि अपना जीवन धार्मिक और सामाजिक रूप से आगे बढ़े.

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