MP News In Hindi : मध्य प्रदेश के रतलाम के बंजली से आंदोलन के पूर्व गिरफ्तार किए गए सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार और साथियों को चौथे दिन एसडीएम कोर्ट से जमानत मिल गई है. विधायक सहित 14 लोगों की गिरफ्तार किया गया था, जिसमें से आठ को खाचरोद जेल शिफ्ट कर दिया गया था. शनिवार दोपहर को विधायक को रतलाम जिला जेल से बड़े ही नाटकीय ढंग से रिहा भी कर दिया गया.विधायक के जेल से छुटने की खबर को पूरी तरह गुप्त रखा गया,जेल के गेट के बाहर पुलिस अधिकारी तैनात किए गए और जेल गेट पर गाड़ी लगाकर विधायक को सीधे वाहन में बैठा कर सैलाना छोड़ा गया. यह सब इसलिए किया गया ताकि कमलेश्वर डोडियार मीडिया से बात ना कर सकें.
जिला अस्पताल में मुझे अपमानित किया गया- MLA
जेल से छुटने के बाद झोपड़ी वाले विधायक कमलेश्वर डोडियार अपना बयान जारी कर कहा कि, 5 दिसंबर को मेरे साथ जिला अस्पताल में डॉक्टर द्वारा गालियां दी गई, दुर्व्यवहार किया. मुझे अपमानित किया उसे लेकर पूरा आदिवासी समाज 11 तारीख को रतलाम में शांतिपूर्वक आंदोलन करने जा रहा था और मेरे द्वारा लोगों की व्यवस्था को लेकर शासन को लिखा था कि हम अपनी समस्या सरकार के सामने रखेंगे.
'मुझे चार दिन तक जेल में बंद रखा'
11 तारीख को 11:00 बजे के पहले मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. यह सरकार का तानाशाही रवैया है. हमारी आवाज दबाने के लिए मुझे बीएनएस की धारा 126,178 के तहत चार दिन तक जेल में बंद रखा .इसको लेकर समाज में रोष व्याप्त हैं और इसे लेकर मैं विधानसभा में भी आवाज उठाऊंगा.अभी तक डॉक्टर खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है उसे भी लेकर सदन में मैं अपनी बात रखूंगा.
डोडियार ने बड़े आंदोलन का आव्हान किया था
बता दें, सैलाना विधायक कमलेश डोडियार 5 दिसंबर की रात को जिला अस्पताल पहुंचे थे, जहां उनका ड्यूटी डॉक्टर सीपी सिंह राठौर से विवाद हुआ था. इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे खिलाफ शिकायत की जिस पर दोनों पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. डॉक्टर को सस्पेंड नहीं करने और अपने खिलाफ एफआईआर होने से नाराज होकर सैलाना विधायक द्वारा 11 दिसंबर को शहर में बड़े आंदोलन का आव्हान किया गया था. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा आंदोलन के पूर्व ही बंजली हवाई पट्टी से सैलाना विधायक सहित कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
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एसडीएम न्यायालय ने दी जमानत
तीन दिन तक भी विधायक कमलेश्वर डोडिया और उनके साथ बंद अन्य लोगों को जमानत नहीं मिलने पर विधायक समर्थकों ने जेल भरो आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. इन चेतावनियों के बीच विधायक की ओर से अधिवक्ता दिनेश अटोलिया और नंदकिशोर कटारिया ने पैरवी की जिस पर एसडीएम न्यायालय ने विधायक और समर्थकों को मिली जमानत दे दी.
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