Railway kavach 4.0 के लिए 1112 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का आवंटन, मंत्री वैष्णव ने संसद में दी ये अहम जानकारी

Railway kavach 4.0: रेल दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए और रेल यात्रा को सुरक्षित करने के लिए रेल कवच काफी कारगर है. अब रेल कवच 4.0 को लेकर संसद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहम जानकारी दी है. जानें क्या कहा... है.

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दी खास जानकारी. कवच के लिए रुपये 1112 करोड़ से अधिक राशि का हुआ आवंटन.

Railway kavach 4.0 On Minister Ashwini Vaishnav: भारतीय रेल हर दिन सुरक्षित यात्रा पर जोर दे रही है. रेल यात्रियों का सुरक्षित सफर हो इसके लिए केंद्र सरकार ने कवच 4.0 पर काम तेज गति से शुरू कर दिया है. इसीक्रम लोकसभा में रेलवे में कवच स्थापना के बारे में जानकारी देते हुए रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेल कवच 4.0 स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है. कवच एक अत्यधिक प्रौद्योगिकी गहन प्रणाली है, जिसके लिए उच्चतम क्रम के सुरक्षा प्रमाणन की आवश्यकता होती है.

ट्रेन की सुरक्षा में कैसे काम करता है कवच?

कवच लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाने में विफल होने की स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन को निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर चलाने में लोको पायलट की सहायता करता है और खराब मौसम के दौरान ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद करता है.

इन चीजों से सुनिश्चित होती है सुरक्षा

कवच के कार्यान्वयन में कई गतिविधियों का निष्पादन शामिल है, जैसे प्रत्येक स्टेशन पर स्टेशन कवच की स्थापना, संपूर्ण ट्रैक की लंबाई में आरएफआईडी टैग का लगाना, पूरे सेक्शन में टेलीकॉम टावरों की स्थापना, ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना,भारतीय रेलवे पर चलने वाले प्रत्येक लोकोमोटिव पर लोको कवच का प्रावधान.

पहली बार 2014 में इस्तेमाल हुआ था कवच.

 गौरतलब है कि कवच का कार्यान्वयन 2014 के बाद शुरू हुआ. 2014 से पहले, भारतीय रेलवे पर कवच की प्रगति शून्य थी. कवच को अब तक 1465 रूट किमी और दक्षिण मध्य रेलवे पर 144 लोकोमोटिव पर तैनात किया गया है.

कवच से संबंधित मुख्य बातें

  1.  ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना: 4275 किमी
  2.  दूरसंचार टावरों की स्थापना: 364 नग
  3.  स्टेशनों पर उपकरणों का प्रावधान: 285 नग
  4.  लोको में उपकरणों का प्रावधान: 319 लोको
  5.  ट्रैक साइड उपकरणों की स्थापना: 1384 रूट किलोमीटर.

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आरडीएसओ द्वारा अनुमोदित किया गया

भारतीय रेलवे ने अन्य 6000 रूट किलोमीटर पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और विस्तृत अनुमान भी तैयार किया है.जुलाई 2024 को कवच 4.0 विनिर्देश को आरडीएसओ द्वारा अनुमोदित किया गया है.इस संस्करण में विविध रेलवे नेटवर्क के लिए आवश्यक सभी प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं. यह भारतीय रेलवे के लिए सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

कवच कार्यों पर अब तक उपयोग की गई धनराशि ₹1216.77 करोड़ रुपये है. वर्ष 2024-25 के दौरान निधियों का आवंटन ₹1112.57 करोड़ रुपये है. 

एक छोटी अवधि के भीतर, भारतीय रेलवे ने स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली विकसित, परीक्षण और तैनाती शुरू कर दी है. क्षमता बढ़ाने और कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए, अधिक ओईएम के परीक्षण और अनुमोदन विभिन्न चरणों में हैं. कवच के स्टेशन उपकरण सहित ट्रैक साइड के प्रावधान की लागत लगभग 50 लाख रुपये / किमी है और लोको पर कवच उपकरण के प्रावधान की लागत लगभग 70 लाख रुपये / लोको है.

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