राहुल गांधी ने BJP और RSS पर लगाया सरकारी संस्थाओं पर कब्जा करने का आरोप, तो सिंधिया ने ऐसे किया पलटवार

दिल्ली में लंबे इंतजार के बाद बुधवार को नए कांग्रेस मुख्यालय का उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी बीजेपी और RSS पर बड़ा आरोप लगाया. वहीं, राहुल के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खंडन किया है.जानें क्या कहा है...

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(फाइल फोटो)

Rahul Gandhi Vs Jyotiraditya Scindia : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर तीखा हमला बोलते हुए भाजपा, आरएसएस और उनके सहयोगियों पर व्यवस्थित रूप से भारत के संस्थानों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी की लड़ाई अब राजनीतिक विरोधियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारतीय राज्य की मशीनरी के खिलाफ है. बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में नए कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं. अगर आप मानते हैं कि यह सिर्फ बीजेपी या आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठन के खिलाफ है, तो समझ लीजिए कि उन्होंने हमारे देश की लगभग हर संस्था पर कब्जा कर लिया है. अब हमारी लड़ाई भारतीय राज्यों से भी है."

वैचारिक लड़ाई का जिक्र करते हुए गांधी ने भारत के दो परस्पर विरोधी विचारधाराओं पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "यह भारत में होने वाली मुख्य लड़ाई है. दो विचारधाराओं में टकराव है. एक हमारा विचार है संविधान का विचार और दूसरा आरएसएस का विचार है."

भागवत के इस बयान का जिक्र करते हुए कि 'राम मंदिर के निर्माण से ही सच्ची आजादी मिली' गांधी ने कहा, "मोहन भागवत में इतनी हिम्मत है कि वे हमें बता रहे हैं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र के बारे में क्या सोचते हैं. उन्होंने कल जो कहा वह देशद्रोह है क्योंकि अगर वे कह रहे हैं कि संविधान अमान्य है और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी तो यह देशद्रोह है. यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, हर एक भारतीय का अपमान है, और अब समय आ गया है कि हम ऐसी बकवास सुनना बंद करें."

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'...न ही संविधान का सम्मान करते हैं'

राहुल गांधी ने आगे कहा, "यह इमारत भारत की आत्मा पर कांग्रेस पार्टी के प्रभाव की याद दिलाती है. आज सत्ता में बैठे लोग न तो तिरंगे को सलाम करते हैं और न ही संविधान का सम्मान करते हैं. भारत के लिए उनका दृष्टिकोण कुछ चुनिंदा लोगों के नियंत्रण और दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों की आवाज को दबाने का है." उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी दुनिया के विपरीत, जो स्वयं से बाहर की चीजों पर ध्यान केंद्रित करती है, भारतीय सोच का तरीका स्वयं को समझने के बारे में है.

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राहुल ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर चिंता जताई

कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र चुनाव में अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा, "लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच अचानक करीब एक करोड़ नए मतदाताओं का सामने आना चिंताजनक है. चुनाव आयोग पारदर्शी मतदाता सूची देने से क्यों इनकार कर रहा है? यह जानकारी रोककर वह किस उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है? पारदर्शिता की यह कमी हमारे लोकतंत्र को कमजोर करती है."

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'कांग्रेस मिशन के लिए प्रतिबद्ध'

राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के संकल्प को दोहराते हुए अपना भाषण समाप्त किया. उन्होंने कहा, "हम इस एजेंडे का सामना करने और उसे हराने के लिए सक्षम एकमात्र पार्टी हैं क्योंकि हम एक विचारधारा वाली पार्टी हैं. यह लड़ाई भारत की आत्मा की रक्षा के लिए है और कांग्रेस उस मिशन के लिए प्रतिबद्ध है."

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राहुल गांधी के बयान पर सिंधिया ने किया पलटवार

वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार किया है. सिंधिया X पर पोस्ट करते हुए लिखते हैं,  'राहुल गांधी का अपमानजनक दावा न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि राष्ट्र की आत्मा पर हमला है. विपक्ष के नेता की इस तरह की टिप्पणी उस शपथ के साथ विश्वासघात को उजागर करती है, जो उन्होंने छह महीने पहले ली थी और जिस लाल किताब का वह पालन करने का दिखावा करते हैं.  यह हमारी सीमाओं की रक्षा करने वालों और लोकतंत्र के वादे में विश्वास करने वाले प्रत्येक नागरिक के बलिदान के खिलाफ विश्वासघात का कार्य है. लेकिन हमें आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए, नेता एक बार फिर संविधान को 'पॉकेट डायरी' की तरह मानने की अपने परिवार की विरासत को जारी रख रहे हैं, इसके अधिकार को कमजोर करते हुए व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं'.

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