Private Schools Problem: मनमानी पर उतारू प्राइवेट स्कूल संचालकों को निजी प्रकाशकों की किताबें चलाना महंगा पड़ गया. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) जिला कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस द्वारा कराई गई जांच में यह प्रमाणित पाया गया था कि प्राइवेट स्कूल संचालक (Private School Directors) निजी प्रकाशकों की किताबें चला रहे हैं, जबकि शासन द्वारा NCERT की किताबें चलाने के निर्देश दिए गए हैं. इसपर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने 17 स्कूलों पर 36 लाख रुपये का अर्थदंड (Penalty) लगाया है. इस कार्रवाई के बाद निजी स्कूलों में हड़कंप मचा हुआ है.
इन स्कूलों पर गिरी गाज
सतना जिले के माउंट लेट्रा जी स्कूल, ब्लूम्स एकेडमी, सेंट माइकल सीनियर सेकंडरी स्कूल, एकेडमिक हाईट्स पब्लिक स्कूल, द विट्स स्कूल, डी पॉल स्कूल, प्रियम्बदा बिरला स्कूल, चाणक्य पब्लिक स्कूल, क्राइस्ट ज्योति सीनियर सेकंडरी, द लवडेल सीनियर सेकंडरी, बोनांजा कान्वेंट, दिल्ली पब्लिक स्कूल, सीएमए स्कूल, भारतीय विद्या भवन, सदगुरु पब्लिक स्कूल, स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल पर 2-2 लाख रुपये और गुरुकुलम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टिकुरिया टोला पर चार लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है.
अभिभावकों ने की थी शिकायत
जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने बताया कि अभिभावकों से प्राप्त कई शिकायतों के बाद कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने प्रशासनिक स्तर पर दो जांच टीमें गठित की थीं, जिसमें एक टीम का नेतृत्व एसडीएम राहुल सिलाडिया, जबकि दूसरी टीम का नेतृत्व एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े कर रहे थे. वहीं, शिक्षा विभाग की टीम भी स्कूलों की जांच कर रही थी, जिसमें खुद डीईओ और एडीपीसी आलोक सिंह सहित मान्यता प्रभारी राजीव अर्गल शामिल थे.
बताया गया कि स्कूलों से किताबों की चेक लिस्ट मांगी गई थी, जिसका मिलान पोर्टल से किया गया, जिसमें यह पाया गया था कि कोई भी स्कूल एनसीईआरटी की किताबें नहीं चला रहे हैं. वहीं, पालकों पर यूनीफॉर्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री क्रय करने का दबाव बना रहे थे.
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एक हफ्ते में जमा करें राशि
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने सभी स्कूलों को सात दिन के अंदर अर्थदंड की राशि जिला शिक्षा विभाग के खाते में जमा कराने के आदेश देते हुए पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है.
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