प्रिंटर खराब है... इसलिए नहीं मिलेगी डिग्री ! ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से आई हैरान करने वाली खबर 

मध्य प्रदेश के ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय में अव्यवस्था का आलम ऐसा है कि न तो यहां पर समय पर परीक्षा हो पाती है और न ही रिजल्ट ही समय पर निकल पाता है. बता दें कि इस विश्वविद्यालय के अंदर आठ जिलों के करीब 100 से ज्यादा कॉलेज आते हैं. बावजूद इसके यूनिवर्सिटी से लाल फीताशाही का ताजा मामला देखने को मिला है. नताओं को खुश करने के लिए दीक्षांत समारोह पर लाखों रुपये खर्च करने वाला यह विश्वविद्यालय अपने छात्रों को डिग्री नहीं दे पा रहा है.

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प्रिंटर खराब है... इसलिए नहीं मिलेगी डिग्री ! ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से आई हैरान करने वाली खबर

मध्य प्रदेश के ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में रहता है. इस यूनिवर्सिटी में अव्यवस्था का आलम ऐसा है कि न तो यहां पर समय पर परीक्षा हो पाती है और न ही रिजल्ट ही समय पर निकल पाता है. बता दें कि इस विश्वविद्यालय के अंदर आठ जिलों के करीब 100 से ज्यादा कॉलेज आते हैं. बावजूद इसके यूनिवर्सिटी से लाल फीताशाही का ताजा मामला देखने को मिला है. नताओं को खुश करने के लिए दीक्षांत समारोह पर लाखों रुपये खर्च करने वाला यह विश्वविद्यालय अपने छात्रों को डिग्री नहीं दे पा रहा है. इस विश्वविद्यालय के करीब पांच सौ से ज्यादा आवेदन डिग्री पाने के लिए पेंडिंग है... लेकिन उन्हें डिग्री इसलिए नहीं मिल पा रही क्योंकि यूनिवर्सिटी का प्रिंटर खराब पड़ा है. 

एक महीने से खराब पड़ा हुआ है प्रिंटर 

यह बात तो जगजाहिर है कि किसी भी स्टूडेंट को नौकरी तलश करते समय कॉलेज की डिग्री की आवश्यकता पड़ती है. नौकरी जॉइन करते समय डिग्री जमा करना होती है...लेकिन इस यूनिवर्सिटी ने 500 बच्चों की डिग्रियों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. बीते एक महीने से यहां पर कोई डिग्री प्रिंट नहीं हो पा रही है. बच्चे अपने माता-पिता के साथ यूनिवर्सिटी के चक्कर लगाने को मजबूर है. इसे लेकर लेकर छात्र संगठन भी लगातार मांग उठा रहे हैं और आंदोलन के ज़रिए भी अपनी बात रख चुके हैं... लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल पा रहा है. मामले में हैरान करने वाली बात तो यह है कि 500 बच्चों की डिग्री में लेतलाली करने के पीछे जो वजह सामने आई है... वह बेहद छोटी है. प्रिंटर खराब होने के चलते एक से बच्चों की डिग्री को रोक कर रखा गया है. बताया जा रहा है कि प्रिंटर को ठीक करवाने की कवायद चल रही है. 

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घटना को लेकर जीवाजी विश्व विद्यालय के पीआरओ डॉ विमलेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि

कुछ समय पहले एक मेडिकल छात्रा की फर्जी डिग्री निकलने का मामला प्रकाश में आने के बाद से डिग्री देने की प्रक्रिया में काफी क्रॉस चैक बढ़ाये गए है ताकि कोई गड़बड़ी न हो. कुछ समय से सेक्शन का प्रिंटर खराब होने से कुछ स्टूडेंट को डिग्री मिलने में अभी दिक्कत आ रही है लेकिन प्रिंटर ठीक कराने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही आसानी से डिग्री मिलना शुरू हो जाएगी

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