Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान, देश में समग्र कृषि विकास की तथ्यों व आंकड़ों सहित विस्तार से जानकारी दी और बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय बढ़ाने का अभियान निरंतर जारी है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी जी किसान हितैषी प्रधानमंत्री हैं, इसलिए पूर्व की फसल बीमा योजना को किसान हितैषी बनाकर उसमें अनेक परिवर्तन किए गए हैं. इसके साथ ही बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियों पर 5,405 करोड़ रुपये के क्लेम बकाया हैं.
मोदी सरकार ने किए हैं ये 6 उपाय
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए छह उपाय किए गए हैं. पहला– सरकार ने उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है. दूसरा– आय बढ़ाने के लिए लागत कम करना. तीसरा– उत्पादन के ठीक दाम सुनिश्चित करना. चौथा– नुकसान की स्थिति में उचित मुआवजे की व्यवस्था. पांचवां– कृषि का विविधीकरण, केवल एक फसल की खेती नहीं, बल्कि फलों, फूलों, सब्ज़ियों, औषधियों की खेती, कृषि वानिकी, मछली पालन, पशुपालन, अलग-अलग प्रयत्नों को बढ़ावा देना और छठा– प्राकृतिक खेती और संतुलित उर्वरकों के प्रयोग के साथ भावी पीढ़ी के लिए धरती को सुरक्षित रखना.
कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में फसलों का उत्पादन 246.42 मिलियन टन से बढ़कर अब 353.96 मिलियन टन हो गया है. दलहन उत्पादन 16.38 मिलियन टन से बढ़कर 25.24 मिलियन टन हो गया, वहीं तिलहन उत्पादन, 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 42.61 मिलियन टन हो गया है. बागवानी उत्पादन 280.70 मिलियन टन से बढ़कर 367.72 मिलियन टन हो गया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसानों द्वारा ही दूध का उत्पादन किया जा रहा है और इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है.
कितने दिन में मिलता है क्लेम?
फसल बीमा योजना में 21 दिनों के भीतर क्लेम देना होता है. अब अगर बीमा कंपनी, किसान को जो क्लेम बनता है, उसका समय पर भुगतान नहीं करती तो निर्धारित तिथि के 21 दिन में भुगतान नहीं करने पर 12% ब्याज बीमा कंपनी पर लगाया जाएगा, जो किसान के खाते में डाला जाएगा. शिवराज सिंह ने कहा कि अब हमने क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट की दिक्कतें दूर कर यसटेक (प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान) प्रणाली अपनाई है, सेटेलाइट आधारित रिमोट सेन्सिंग के माध्यम से हम फसल का आंकलन करेंगे, कोई आदमी बीच में नहीं होगा, जो क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट में गड़बड़ कर देता था, अब डिजिटली हम फसल की क्षति का आंकलन करेंगे और उसके आधार पर पूरी की पूरी भरपाई किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत की जाएगी.
कब हुई थी इस योजना की शुरुआत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फसल नुकसान पर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई थी. इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय को स्थिर करना और आधुनिक कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना है.
बीमा कराने के लिए क्या करें?
- फसलों का बीमा कराने के लिए नजदीकी बैंक शाखा/लोक सेवा केंद्र (CSC) से संपर्क करें.
- पोर्टल पर http://pmfby.gov.in ऑनलाइन पंजीकरण कराएं.
- अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 𝟏𝟖𝟎𝟎 𝟓𝟕𝟎 𝟕𝟏𝟏𝟓 पर संपर्क करें.
- पंजीकरण की अंतिम तिथि 𝟑𝟏 जुलाई, 𝟐𝟎𝟐𝟒
कौन-कौन से कागज लगते हैं?
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- खसरा नंबर
- बुवाई प्रमाण पत्र
- गांव के पटवारी की टीप
- भूमि से संबंधित दस्तावेज आदि.
इस योजना के अंतर्गत किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि या क्षति से सुरक्षा मिलती है. PMFBY विशेष रूप से प्राकृतिक आपदा प्रभावित मौसमों या क्षेत्रों में किसानों की आय को स्थिर करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने सहित अपने उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर रही है. PMFBY एक केंद्रीय योजना है, इसलिए इसके तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को न कोई आवंटन किया जाता है और न कोई धनराशि जारी की जाती है.
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