भोपाल में सड़कों पर गड्ढों का राज...पहली बारिश में ही देने लगती हैं 'छोटे तालाब' को चुनौती

भोपाल में बारिश शुरू हुई और सड़कों की परतें उधड़ने लगीं,कहीं डामर बह गया, तो कहीं गड्ढों ने रास्ता रोक दिया...हालत ऐसी कि आम आदमी हर मोड़ पर सड़क से नहीं, सिस्टम से जूझता नज़र आ रहा है... हमने दो दिन तक राजधानी की अलग-अलग सड़कों का जायज़ा लिया जो तस्वीर सामने आई हैं वो सरकारी दावों को गड्ढों में डुबोने के लिए काफी है…

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Bhopal bad roads: सड़कों को विकास की धमनियां कहा जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ये धमनियां हर बारिश के साथ फटने लगती हैं...MP नगर से लेकर मिसरोद,भोजपुर रोड और हबीबगंज तक हालात एक जैसे हैं, कहीं सड़कें उखड़ी हैं, कहीं गड्ढों ने पूरी लेन निगल ली है. NDTV ने दो दिनों तक राजधानी की अलग-अलग सड़कों का जायज़ा लिया जो तस्वीर सामने आई हैं वो सरकारी दावों को गड्ढों में डुबोने के लिए काफी है. हल्की बारिश में ही राज्य की राजधानी की सड़कें छोटे तालाब को चुनौती देने लगती है....पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

गड्ढे में गिरे, अंगूठे का नाखून निकलवाना पड़ा !

सबसे पहले बात मिसरोद से भोजपुर रोड की...यहां सड़कों पर इतने गड्ढे हैं कि आए दिन हादसे होते रहे हैं. प्रशासन कभी-कभी थोड़ा सुधार करता है लेकिन कुछ महीने पर गड्ढे भी उभर आते हैं. हमें इसी सड़क से गुजरने वाले रोहित धाकड़ मिले. उन्होंने बताया कि वे ट्रेनिंग लेने के लिए रोज इसी सड़क से जाते हैं. एक दिन गड्ढे में बाइक फंसी और गिर पड़े क्योंकि गड्ढे में पानी भरा था और उन्हें पता नहीं चला. हादसे के बाद उन्हें अंगूठे का नाखून तक निकलवाना पड़ा. दूसरे शख्स हमें मिले शनि शर्मा. उनका कहना है कि बहुत टाइम से सड़क ऐसा ही है थोड़ा सुधारते हैं लेकिन फिर खराब हो जाता है. शनि के मुताबिक सड़क को रिपेयर करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है इसलिए सड़क खराब हो जाती है. 

Advertisement

भोपाल रेलवे स्टेशन जब आप बाहर निकलते हैं तो ऐसी सड़क आपका स्वागत करती है...जरा सोचिए ऐसे में प्रदेश की राजधानी की कैसी इमेज बनती है

Advertisement

आए दिन पलट जाते हैं ई रिक्शा

कुछ ऐसा ही हाल भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 की ओर जाने वाली सड़क का भी है. इस सड़क का हाल ऐसा है कि इस पर हर सफर खतरे के साथ शुरू होता है. गड्ढे इतने हैं कि ई-रिक्शा आए दिन पलट जाते हैं. इस सड़क पर बीच रास्ते में खुला नाला मानो किसी ट्रैप की तरह इंतज़ार करता है जिसमें अगर कोई बच्चा या बुज़ुर्ग गिर जाए, तो सीधा अस्पताल पहुंचना तय है.परेशानी की बात ये भी है कि ये सड़क उन लोगों का स्वागत करती है, जो पहली बार भोपाल आते हैं और पहली नज़र में ही शहर की तस्वीर बना बैठते हैं. इस इलाके में हल्की सी भी बारिश हो जाए… तो ये सड़क राजधानी के छोटे तालाब को चुनौती देने लगती है. स्थानीय नागरिक भरत रैकवार बताते हैं कि इस सड़क पर रोज कम से कम 5 से 10 ऑटो पलट जाते हैं. कहीं-कहीं पर तो घुटने तक पानी भर जाता है. ये सड़क 11-12 साल से खराब है. वाहन चालक कमलेश बताते हैं कि इस सड़क पर चलने में बहुत परेशानी होती है. पानी जमा होने की वजह से पता नहीं चलता कि गड्ढा कितना गहरा है.  

Advertisement

नई तकनीक से करेंगे सड़कों की मरम्मत: आयुक्त

हैरानी की बात ये है कि भोपाल में अब तक बहुत ज्यादा बारिश नहीं हुई है, मूसलाधार बारिश होना अभी बाकी है.अब आप खुद अंदाजा लगाइए अगर हल्की बारिश में ही सड़कों की ये हालत है, तो अगले दो महीने की बारिश भोपाल कैसे झेलेगा? हालात देखते हुए नगर निगम अब नई तकनीक से सड़कों को सुधारने का दावा कर रहा है. इसके लिये पॉट होल पेचिंग मशीन का उपयोग होगा . इस मशीन के डेमो में खुद नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि इस मशीन में बिटुमिन की जगह सीलेंट और एडेसिव का इस्तेमाल होगा ताकि बारिश में सड़कों की परतें बार-बार न बहें. NDTV के सवाल पर आयुक्त संकेत भोंडवे ने बताया कि  बारिश के सीजन में रोड की समस्या होती है, हम इसको नई  टेक्नोलॉजी के साथ सुधारना है. अभी हमने शुरुआत की है. जल्द ही इंडियन रोड कांग्रेस के मापदंड के मुताबिक सड़कों की स्थिति में सुधार आपको दिखेगा.   भोपाल में सड़कें टूटती हैं, गड्ढे बनते हैं, हादसे होते हैं,मरम्मत होती है और ये सिलसिला हर साल चलता रहता है... इस बार नई मशीनें आई हैं, तकनीक बदली है – लेकिन क्या तस्वीर भी बदलेगी ये देखने के लिए जनता को अगली बारिश तक इंतज़ार करना होगा. 

ये भी पढ़ें: MP वाकई गजब है ! 12 साल में 1 दिन भी ड्यूटी नहीं पर उठा लिया 28 लाख का वेतन