Good News: गरीब कैदियों की मदद में MP देश का टॉपर, CM मोहन यादव ने कहा- ऐसे अग्रणी बना मध्यप्रदेश

E Prison System in MP: सीएम मोहन यादव ने कहा कि जेल केवल सजा भुगतने की जगह नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास का केंद्र भी होनी चाहिए. उन्होंने बंदियों के लिए कौशल विकास, योग, आध्यात्मिक शिक्षा और काउंसलिंग जैसी योजनाओं को विस्तार देने पर जोर दिया.

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Jails in MP: गरीब कैदियों की मदद में एमपी देश में सबसे आगे

Review Meeting of Jail Department: सीएम हाउस (CM House) में हुई जेल (Jail) एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि गरीब कैदियों को जमानत एवं जुर्माना अदा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है. इस दौरान सीएम ने विभागीय अधिकारियों को राज्य की जेलों में बंदियों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने और उनके बौद्धिक एवं चारित्रिक सुधार की गतिविधियों को गति देने के निर्देश दिए.

25 हजार रुपए तक की जुर्माना राशि होती है मंजूर

एमपी में आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों को 25 हजार रुपए तक की जुर्माना राशि मंजूर की जाती है. मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने अबतक 31 बंदियों को जुर्माना एवं जमानत के रूप में 6 लाख 43 लाख 517 रुपए की राशि मंजूर की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 479 के प्रावधानों का पालन करने में भी मध्यप्रदेश देश में अग्रणी राज्य है.

इस धारा में यह प्रावधान है कि "जेल अधीक्षक, जेल में निरूद्ध अभियुक्त व्यक्ति के उपबंधित कारावास की आधार या एक-तिहाई अवधि पूर्ण होने पर, ऐसे व्यक्ति को जमानत पर निर्मुक्त करने के लिए संबंधित न्यायालय को कार्रवाई करने के लिए तुरन्त लिखित में आवेदन करेगा."

इस प्रावधान के तहत प्रदेश के 78 केदियों के प्रकरण न्यायालय की ओर भेजे गाए जिनमें से 46 केदियों के पक्ष में कार्यवाही हुई और वे रिहा कर दिए गए.

प्रदेश की सभी जेलों में जारी है ई-प्रिजन व्यवस्था E-prison system in MP

मध्य प्रदेश की सभी जेलों में ई-प्रिजन व्यवस्था लागू है. इस व्यवस्था में बंदियों से संबंधित जानकारियों को लगातार अपडेट किया जाता है. ई-प्रिजन मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए (लीगेसी डाटा के साथ) अबतक कुल 13 लाख 17 हजार 303 आमद दर्ज की जा चुकी है. आईसीजेएस के माध्यम से 1लाख 31 हजार से अधिक बंदियों की जानकारी प्रविष्टि भी की जा चुकी है. 1 जुलाई 2024 से अब तक नवीन आपराधिक कानून के अंतर्गत ई-प्रिजन पर 48 हजार 139 बंदियों की एंट्री हुई है. जेलों की क्षमता में वृद्धि के प्रयास भी किए जा रहे हैं.

सीएम ने खुली जेलों से बंदियों को स्वतंत्रता का अहसास होने का जिक्र कर प्रदेश में खुली जेलों की संख्या बनाने के निर्देश दिए.  इससे न केवल बंदियों का मानसिक एवं चारित्रिक विकास होगा, बल्कि उनकी समाज में पुनः सकारात्मक रूप से वापसी भी सुनिश्चित होगी.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि जेल सुधार कार्य में समाज की भी भागीदारी होनी चाहिए. उन्होंने जेलों में सामाजिक व धार्मिक संगठनों और विशेषज्ञों की मदद से सुधार कार्यक्रम चलाने की जरूरत बताई. राज्य सरकार बंदियों के सुधार और पुनर्वास के लिए हरसंभव प्रयास करेगी ताकि वे भविष्य में एक सम्मानजनक जीवन जी सकें.

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