पूरे गांव को बताया वक्फ की संपत्ति, बुलडोजर लेकर पहुंचा प्रशासन; दरगाह के पास का अतिक्रमण ढहाया

खंडवा जिले के सिहड़ा गांव में दरगाह पीर मोजा के आसपास हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासनिक अमला पहुंच गया. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस और बुलडोजर देख पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई.

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खंडवा जिले के सिहड़ा गांव में दरगाह पीर मोजा के आसपास हुए अतिक्रमण हटाने के लिए मंगलवार को प्रशासनिक अमला पहुंच गया. मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस और बुलडोजर देख पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई. दरअसल, पिछले कुछ दिनों से वक्फ संपत्ति को लेकर विवाद चर्चाओं में है. पिछले महीने ग्राम पंचायत ने भी दरगाह के आसपास जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन में आवेदन दिया था. इसी के जवाब में स्थानीय वफ्फ कमेटी ने भोपाल ट्रिब्यूनल में दावा किया था कि गांव में बनी दरगाह, इमामबाड़ा और ईदगाह की संपत्ति वफ्फ की है.

जिस संपत्ति पर वक्फ ने दावा किया है, उसी संपत्ति पर पूरा गांव आता है. इससे भ्रम हो गया कि क्या कि पूरा गांव ही वक्फ की संपत्ति है. इसके चलते विवाद बढ़ गया है. इसी को लेकर वफ्फ ट्रिब्यूनल बोर्ड, भोपाल ने दोनों पक्षों को 10 नवंबर को सुनवाई के लिए बुलवाया था. फिलहाल इस मामले पर भोपाल ट्रिब्यूनल बोर्ड की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं आया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने ग्राम पंचायत की शिकायत पर दरगाह के आसपास अतिक्रमण हटाया.

सरकारी जमीन को अपनी बता रहा वक्फ

सिहड़ा ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि हेमंत सिंह चौहान का कहना है कि जिस जगह को वक्फ अपनी संपत्ति बता रहा है, वह सरकारी जमीन है और यहां पर ग्राम पंचायत ने मार्केट बनाने का निर्णय लिया है. फरवरी में संबंधित लोगों को नोटिस भी दिया था, जिस पर लोगों संपत्ति को वक्फ की होने का दावा किया था.

इसके बाद तहसीलदार से गुहार लगाई थी. फिर तहसीलदार ने भी इनको नोटिस दिया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब पेश नहीं किया गया. इन्होंने कोई कागज जमा नहीं किया और यह लोग भोपाल चले गए. यहां पर एक मदरसा भी चल रहा है, जो रजिस्टर्ड नहीं है. अब यहां से अतिक्रमण हटाकर दुकानों का निर्माण किया जाएगा.

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हमने उन्हें इस जगह के लिए नौकरी दी थी. उन्होंने पूरे गांव को वक्त की संपत्ति बताकर भोपाल में अपील कर दी, जो कि गलत है. स्वामित्व योजना में भी इसमें काम किया गया है. कहीं न कहीं ये सरकारी जमीन है.

पूरा गांव वक्फ की जमीन पर बने होने का दावा

इधर, वक्फ कमेटी के मेंबर रियाज खान कहना है कि यह सिहड़ा गांव की जमीन हमारी वक्त की संपत्ति है, जो लगभग 40 हजार स्क्वॉयर फीट है. इसका केस भोपाल वक्फ में लगाया था, जो कि 5 तारीख को वक्फ न्यायालय से खारिज हुआ है. हम आज वक्फ ट्रिब्यूनल में जा रहे थे. उससे पहले ही प्रशासन ने यहां अतिक्रमण की बात कर कार्रवाई कर दी है, जबकि यह दरगाह वक्फ में भी दर्ज है और गजट में भी दर्ज है. इस कार्रवाई को लेकर कमेटी को किसी तरह का कोई नोटिस नहीं मिला.

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इधर अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर खंडवा एसडीएम बजरंग बहादुर ने बताया कि ग्राम सिहाड़ा में कुछ व्यक्तियों ने सरकारी जमीन को वक्फ की संपत्ति बताकर कब्जा कर लिया था, जिसे हटाया गया है.