इस फीमेल डॉग ने जीता PM Modi का दिल! मन की बात में की थी तारिफ, अब BSF अकादमी ने किया सम्मान 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में BSF की भारतीय नस्ल की फीमेल स्निफर डॉग ‘रिया’ की तारीफ की, जिसने Mudhol Hound category में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया. BSF Academy Tekanpur ने रिया और उसकी टीम का सम्मान किया.

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PM Modi Dog Appreciation: देश की सुरक्षा और गौरव का प्रतीक बन चुकी भारतीय नस्ल की फीमेल स्निफर डॉग ‘रिया' ने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल जीता, बल्कि पूरे देश में अपनी खास पहचान बनाई है. प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात' कार्यक्रम में रिया के अद्भुत प्रदर्शन की सराहना की थी. इसी उपलब्धि के सम्मान में बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में रिया, उसके हैंडलर और प्रशिक्षकों को एक भव्य समारोह में सम्मानित किया.

ग्वालियर के डबरा स्थित सीमा सुरक्षा बल (BSF) अकादमी टेकनपुर में राष्ट्रीय स्वान प्रशिक्षण केंद्र (NTCD) की ओर से रिया और उसकी टीम का सम्मान किया. यह वही दल है जिसने 31 अक्टूबर 2025 को गुजरात के केवड़िया (एकता नगर) में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में हिस्सा लेकर देश का गौरव बढ़ाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई इस परेड में रिया और उसके दस्ते का अनुशासित प्रदर्शन सभी का ध्यान खींच लाया.

PM Modi ने 'मन की बात; में की थी तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात' कार्यक्रम में रिया का जिक्र करते हुए कहा था कि एकता परेड में सबसे प्रेरणादायक दृश्य स्वदेशी नस्लों के कुत्तों का प्रदर्शन था. उन्होंने सुरक्षा बलों से अपील की थी कि वे भारतीय नस्ल के स्वानों को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर भारत के मिशन को मजबूत करें. रिया का प्रदर्शन इसी आवाहन का नतीजा है, जो अब देशी नस्लों की क्षमता का सशक्त उदाहरण बन चुकी है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकी भारतीय नस्ल की डॉग 

बीएसएफ के प्रशिक्षकों ने ‘ट्रेन द ट्रेनर' मॉडल अपनाकर वैज्ञानिक तरीके से भारतीय नस्लों को प्रशिक्षित किया. उसी का परिणाम है कि मुधोल हाउंड नस्ल की डॉग ‘रिया' ने ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट 2024 में 116 विदेशी नस्लों को पछाड़ते हुए चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया. यह उपलब्धि साबित करती है कि स्वदेशी नस्लें भी किसी विदेशी नस्ल से कम नहीं हैं.

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कठिन परीक्षणों से गुजरी रिया 

बीएसएफ अकादमी के एडीजी और निदेशक डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि रिया ने यह गौरव हासिल करने से पहले दो कठिन परीक्षण चरणों को पार किया था. यह उसकी मेहनत, दृढ़ता और प्रशिक्षकों की लगन का प्रमाण है. डॉ. सिंह ने कहा कि भारत की सभ्यता और इतिहास में हमेशा से अपनी स्वदेशी नस्लों को महत्व मिला है, लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान इन्हें नज़रअंदाज़ किया गया. अब अकादमी ने आधुनिक अनुसंधान और तकनीक के जरिए इन नस्लों की प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित किया है.

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आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बनी रिया

इस अवसर पर डॉ. सिंह ने NTCD की पूरी टीम, प्रशिक्षकों और डॉग हैंडलर्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि रिया की सफलता सिर्फ बीएसएफ की नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है. यह आत्मनिर्भर भारत, भारतीय नवाचार और समर्पण की भावना का प्रतीक है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मन की बात में की गई चर्चा ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय नस्ल के स्वान अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं.

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