PM JANMAN Abhiyan: भारिया जनजाति को मिले पक्के आवास; नवाचार से हुई बचत, बिचौलियों से मिली मुक्ति

PM JANMAN Abhiyan Awas Yojana: प्रधानमंत्री जनमन अभियान के तहत छिन्दवाड़ा को कुल 5825 आवासों का लक्ष्य प्रदान किया गया था, जिसके अंतर्गत चौरई, हर्रई, तामिया, अमरवाड़ा, जुन्नारदेव एवं परासिया जनपद के दुर्गम क्षेत्रों में निवासरत भारिया हितग्राहियों को योजना का लाभ देना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था.

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PM JANMAN Abhiyan Awas Yojana: पीएम जनमन अभियान से मिले पक्के आवास

PM JANMAN Abhiyan: प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना (PM JANMAN Abhiyan Awas Yojana) के अंतर्गत छिंदवाड़ा के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में निवासरत 1067 भारिया जनजाति के परिवारों को पक्के आवास आवंटित किये गये. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा है कि जनजाति संवर्ग के उत्थान के लिये प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की इस योजना को मध्यप्रदेश में शत प्रतिशत मूर्तरूप दिया जायेगा. जिला प्रशासन द्वारा आवास आवंटन के साथ ही सामूहिक खरीदी के नवाचार से एक करोड़ रुपये की बचत भी संभव हुई है.

इतने आवास का है लक्ष्य

प्रधानमंत्री जनमन अभियान के तहत छिन्दवाड़ा को कुल 5825 आवासों का लक्ष्य प्रदान किया गया था, जिसके अंतर्गत चौरई, हर्रई, तामिया, अमरवाड़ा, जुन्नारदेव एवं परासिया जनपद के दुर्गम क्षेत्रों में निवासरत भारिया हितग्राहियों को योजना का लाभ देना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था. ग्रामों की दूर-दराज़ स्थिति (जिला मुख्यालय से 100-125 कि.मी.) के कारण स्थानीय भवन सामग्री विक्रेताओं द्वारा महंगे दाम और कम गुणवत्ता वाली सामग्री हितग्राहियों को दिये जाने से भी आवास निर्माण में बाधा थी. इससे कई परिवारों ने आवास निर्माण में रुचि ही लेना बंद कर दिया था. इस स्थिति पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने अधिकारियों के साथ स्वयं मौका स्थल का भ्रमण कर हितग्राहियों से चर्चा की और उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया. उन्होंने जनपद पंचायतों के अमले, सहायक यंत्री, और ग्राम पंचायतों के सरपंच आदि से सामूहिक चर्चा की जिसमें ग्रामवासियों और सामग्री विक्रेताओं के साथ संवाद स्थापित कर कम दर पर उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई.

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नवाचार से हुई एक करोड़ की बचत

जिला प्रशासन द्वारा जनपद स्तर पर थोक विक्रेताओं से संपर्क कर भवन निर्माण सामग्री की दरों को भी पूर्व निर्धारित किया गया. सीमेंट, ईंट, गिट्टी, सरिया, सेंटरिंग आदि निर्माण सामग्री स्थानीय दरों से 2 से 55 रुपये तक सस्ती दरों पर हितग्राहियों के ग्रामों में ही थोक में पहुँचाई गई. इस नवाचार से न केवल परिवहन लागत बची, बल्कि समय पर सामग्री मिलने से अधिकांश हितग्राहियों ने 2 माह से भी कम समय में अपने पक्के आवास तैयार कर लिए. इस पहल से 1067 परिवारों को 99,21,443 रुपये की सीधी बचत हुई, यानी प्रति परिवार लगभग 9,298 रुपये की औसत बचत हुई. साथ ही 1052 आवासों का निर्माण भी पूर्ण कर लिया गया है और शेष 508 आवास शीघ्र पूर्ण होने की स्थिति में है.

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बिचौलियों से मिली मुक्ति

नवाचार न केवल योजनांर्गत लक्ष्य प्राप्ति में सहायक बना, बल्कि इससे हितग्राहियों को ठगने वाले बिचौलियों से भी मुक्ति दिलाई गई. अब जिले के अन्य नवीन स्वीकृत आवासों में भी इसी मॉडल को अपनाने की योजना है.

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