Gwalior में 10 रूट पर चलेंगी पीएम ई-बस सेवा की 60 बसें ! शहरी विकास मंत्रालय ने दी मंजूरी, कवयद तेज 

PM e-bus Service Gwalior: शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत ग्वालियर में प्रथम चरण में 60 बसें चलाए जाने की अनुमति दी गई. जिसके बाद 10 संभावित रूटों के निरीक्षण के लिए छह सदस्यीय दल का गठन किया गया है.

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ग्वालियर मे लंबे अरसे बाद शहर और शहर के आसपास  एक बार फिर सरकारी बसे दौड़ती नजर आएंगी. भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत ग्वालियर में प्रथम चरण में 60 बसें संचालित करने की अनुमति दी गई है.

ग्वालियर कलेक्ट्रेट रुचिका चौहान ने बताया कि यहां पहले चरण मे साठ बसें संचालित करने की स्वीकृति आयी हैं और हम लोगों ने इन्हें चलाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. बसों का रुट का जायजा लिया जा चुका है. उनमें जो खामियां मिली थी उन्हें दुरुस्त करने का काम चल रहा है. 

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जल्द चलेंगी पीएम ई-बस सेवा की 60 बसें

बस सेवा के रूट को शहर के आसपास के उपनगरीय क्षेत्रों तक बढ़ाने के लिए कहा गया है. इस संबंध में मध्य प्रदेश शासन परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने निगम आयुक्त संघ प्रिय को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि बसें चलाने के लिए जो रूट निर्धारित किए गए हैं, वह अच्छे हों और शहर से बाहर भी उपनगरीय क्षेत्रों को उसमें जोड़ा जाए. रूट में आसपास के एरिया को भी कवर किया जाए, लेकिन ध्यान रखे रूट की दूरी अधिक न हो.

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शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत  ग्वालियर में प्रथम चरण में 60 बसें चलाए जाने की अनुमति दी है. ई-बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन सहित अन्य कार्य की तैयारी निगम ने शुरू कर दी है. पत्र में बस के लिए रूट अधिसूचित करने और डिपो निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए कहा है.

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डिपो निर्माण के लिए स्थल का किया गया चयन

इस पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रति किलोमीटर 22 रुपये की ग्रांट के साथ शेष राशि 36 रुपए प्रति किलोमीटर बस ऑपरेशन्स के किराया वसूली से प्राप्त हो. बसों को चलाने के लिए जो डिपो निर्माण किया जाएगा, उसके लिए स्थल का चयन किया गया है. वहां पर निर्धारित समय में चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएं और ग्रीनसेल मोबेलिटी प्लान के नियमों का पालन करें.

रूट के निरीक्षण के लिए 6 सदस्यीय दल गठित

ग्वालियर शहर में निगम की ओर से बनाए गए 10 संभावित रूटों का निरीक्षण करने के लिए कलेक्टर की ओर से छह सदस्यीय दल का गठन किया गया है. दल में नगर निगम, यातायात पुलिस और आरटीओ के साथ जिला प्रशासन के एक अधिकारी शामिल किया गया है. इससे रूट का कार्य पूरा हो सके और चार्जिंग स्टेशन बनने के साथ बसों को आसानी से चलाया जा सके.

आईएसबीटी को सार्वजनिक उपयोग के लिए मिली 25 एकड़ जमीन 

नगर निगम ग्वालियर के स्वामित्व की गोला का मंदिर मुरैना लिंक रोड पर मल्लगढ़ा चौराहा, ईएफओ कार्यालय के समीप स्थित 25 एकड़ जमीन पर अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) घोषित किया गया है. यह बनकऱ पहले से तैयार हैं. क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकारी व संभागीय आयुक्त  मनोज खत्री द्वारा जारी यह आदेश मध्य प्रदेश के राजपत्र में प्रकाशित हो गया है. इसके साथ ही यह जमीन सार्वजनिक उपयोग के लिये विधिवत अंतर्राज्यीय बस स्टेण्ड को मिल गई है.

जिस 25 एकड़ जमीन पर अंतर्राज्यीय बस स्टेण्ड घोषित हुआ है, उसमें से 6824.64 वर्गमीटर पर टर्मिनल भवन, 84 वाहनों के लिये आईडियल पार्किंग, 192 फ्यूचर एक्सपेंशन (24 एक्टिव पार्किंग एरिया व 44 आईडियल पार्किंग एरिया), 156 ईसीएस पार्किंग (इक्यूवेलेंट कार स्पेस), 54 दुपहिया वाहनों की पार्किंग, 130 चार पहिया वाहनों की पार्किंग, 2000 वर्गमीटर प्लाजा क्षेत्र, 4 शौचालय परिसर, 860 वर्गमीटर कार्यालय क्षेत्र, 1800 वर्गमीटर वेटिंग एरिया, 52 बसों के लिए बस-वे, 450 वर्गमीटर में ड्रायवर लाउंज, 20 सीटर टिकट काउण्टर और 21 मीटर में सड़क की चौड़ाई  शामिल है.

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