PM Awas Yojana Scam News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) के दतिया (Datia) जिले से पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार (Corruption) का गंभीर मामला सामने आया है. दरअसल, यहां के आदिवासी समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि पूर्व सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि उनके अंगूठे लगवाकर निकाल लिए, जिसकी वजह से उनके नाम पर राशि जारी होने क बाद भी अब तक उनका घर नहीं बन पाया है.
लगभग डेढ़ करोड़ का किया भ्रष्टाचार
पीढ़ियों की शिकायत के मुताबिक आरोपी ने इस मामले में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. दरअसल, सरकार लोगों को घर बनाने के लिए प्रति परिवार 2.5 लाख रुपये देती है और भ्रष्ट सचिव ने लगभग 50-60 लोगों के खाते से उनके मकान के लिए आई रकम निकाल ली. इस प्रकार यह मामला डेढ़ करोड़ के आस पास का बनता है.
आरोप है कि दतिया जिले के कस्बा उनाव के आदिवासियों के साथ सेक्रेटरी ने छलावा कर दिया. दरअसल, आरोप है कि सेक्रेटरी ने कुटीर के नाम पर आदिवासियों के खाते से रुपए डालकर निकाल लिए. लंबे समय से आदिवासी प्रधानमंत्री आवास और कुटीर बनने का इंतजार करते रहे थे, जब उनके पास रकम नहीं आई, तो उन्होंने स्थानीय स्तर पर शिकायत की. इसी कड़ी में सोमवार को आदिवासी समुदाय के 50-60 लोग दतिया जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे और सीईओ अक्षय कुमार तेम्रपाल को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की.
जिला पंचायत सीईओ ने दिया जांच का आश्वासन
शिकायत मिलने के बाद जिला पंचायत सीईओ तेम्रपाल ने पीड़ितों को आश्वासन दिया है कि एक टीम बनाकर इस मामले में कार्रवाई की जाएगी, और स्थानीय पूर्व सचिव राधेश्याम यादव की जांच भी की जाएगी. लोगों का आरोप है कि पूर्व सचिव राधेश्याम यादव जब उन्नाव में पदस्थ थे, तो उन्होंने इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया था. पीड़ित आदिवासी समुदाय के लोगों का आरोप है कि उन्होंने 15000 देकर शेष राशि के लिए अंगूठे लगवा कर निकाल लिए थे.
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निगरानी के बावजूद हो गया घपला
आपको बता दें केंद्र और प्रदेश सरकार आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है. सरकार आदिवासियों के लिए योजना बनाने के साथ ही इसकी मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था करती है. उसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों के साथ यह छलावा वाला मामला सामने आया है. ज्ञापन देने आए ग्रामीणों के मकान किस्त न मिलने की वजह से आधे अधूरे और अपूर्ण हैं, जबकि पूर्व सेक्रेटरी की ओर से यह टिप लगाकर पंचायत को भेज दिया गया है मकान पूर्ण हो चुके हैं, जबकि हकीकत यह है कि आधे-अधूरे मकान बने हैं और शेष राशि पूर्व सचिव डकार गए.
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