धार जिले से अलग होगा भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर, इस जिले में होगा शामिल

दरअसल, राज्य पुनर्गठन आयोग प्रदेश में तीन नए जिले और एक संभाग बनाने की तैयारी में हैं. इसी कड़ी में आयोग ने जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर को धार में अलग करने का मसौदा तैयार किया है. तर्क है कि पीथमपुर इंदौर से निकट है, जबकि धार से उसकी दूरी 48 किमी है.  

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Pithampur Industrial Area Dhar

Pithampur Industrial Area: आदिवासी बाहुल्य धार जिले की शान कहे जाने वाले औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर को इंदौर जिले में शामिल किए जाने की कवायद से पूरे जिले में हड़ंकप है. भारत के सबसे बड़े आर्थिक विशेष क्षेत्र में शुमार पीथमपुर के इंदौर में जाने से धार को जहां बड़ा नुकसान होगा, जबकि आर्थिक नगरी के रूप में स्थापित इंदौर को बड़ा फायदा होगा. हालांकि इसको लेकर केंद्रीय मंत्री, जनप्रतिनिधियों का मौन लोगों को अखर रहा है.

दरअसल, राज्य पुनर्गठन आयोग प्रदेश में तीन नए जिले और एक संभाग बनाने की तैयारी में हैं. इसी कड़ी में आयोग ने जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर को धार में अलग करने का मसौदा तैयार किया है. तर्क है कि पीथमपुर इंदौर से निकट है, जबकि धार से उसकी दूरी 48 किमी है.  

औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर है भारत का सबसे बड़ा विशेष आर्थिक क्षेत्र

गौरतलब है भारत का सबसे बड़ा विशेष आर्थिक जोन (Special Economic Zone) धार जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में स्थित हैं. धार जिले का शान कहलाने वाला बड़ा इंड्रस्टील क्षेत्र पीथमपुर को अगर इंदौर जिले में शामिल किया जाता है, तो आदिवासी बाहुल्य जिले को बड़ा नुकसान होगा. हालांकि इससे उद्योगपतियों को नए उद्योग लगाने में आसानी जरूर होगी.

तीन नए जिले ओर एक संभाग बनाने की तैयारी में है पुर्नगठन आयोग

मध्य प्रदेश शासन द्वारा गठित राज्य पुर्नगठन आयोग प्रदेश में तीन नए जिले ओर एक संभाग बनाने की तैयारी में है. आयोग द्वारा पीथमपुर को इंदौर जिले में शामिल करना चाहती है. फिलहाल. मध्य प्रदेश में 55 जिले हैं, तीन नए जिले बनने से जिलों की संख्या 58 और संभागों की संख्या 11 हो जाएगी.

प्रदेश में निमाड़ बनेगा नया संभाग, 10 से बढ़कर 11 हो जाएंगे संभाग 

राज्य पुर्न गठन आयोग प्रदेश में एक नया संभाग बनाने की कवायद शुरू कर चुका है. नए सिरे से जिलों की सीमाओं के सीमांकन के बाद निमाड़ को नया संभाग बनाने की तैयारी है. नए सिरे से किए जा रहे सीमांकन के साथ इस संख्या में कुछ नए जिलों का समावेश होने वाला है. वहीं, निमाड़ प्रदेश का 11 वां संभाग बनने जा रहा है.

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धार जिला मुख्यालय से 48 किमी दूर पीथमपुर को जहां इंदौर जिले में शामिल किए जा सकता है. वहीं, दूरस्थ क्षेत्र कुक्षी को बड़वानी जिले में शामिल हो सकता है. हालांकि पीथमपुर में मौजूद बड़ी फैक्ट्रियों का फायदा धार जिले को देने की शुरुआती मंशा रही थी, लेकिन रेलवे, एयरपोर्ट, मेट्रो और कॉर्पोरेट ऑफिस जैसी सुविधाएं इंदौर में हैं.

इंदौर में शामिल होगा पीथमपुर और बड़वानी में शामिल होगा कुक्षी

धार जिला मुख्यालय से 48 किलोमीटर दूर औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर को जहां इंदौर जिले में शामिल किए जा सकता है. वहीं, दूरस्थ क्षेत्र कुक्षी को बड़वानी जिले में शामिल किया जा सकता है. हालांकि पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद बड़ी फैक्ट्रियों का फायदा धार जिले को देने की शुरुआती मंशा रही थी, लेकिन रेलवे, एयरपोर्ट व मेट्रो जैसी सुविधाएं पहले से इंदौर में हैं.

पीथमपुर के इंदौर जिले में जाने से उद्योगपतियों को होगी आसानी

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को इंदौर जिले में शामिल करने से उद्योगपतियों को नए उद्योग लगाने में आसानी होगी. जानकारों के मुताबिक उद्योग लगाने में जमीनों के आवंटन अधिग्रहण के लिए दो जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों से अनुमति ओर पत्राचार की लंबी प्रकिया से मुक्ति मिल जाएगी. वही स्थानीय अनुमतियों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. 

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पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के इंदौर जिले में शामिल होने से निश्चित तौर पर धार के विकास पर फर्क पड़ेगा, बावजूद इसके सभी दलों के जनप्रतिनिधि मुद्दे पर मोन हैं, जबकि धार जिले से केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर, विधायक नीना वर्मा, कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम ने चुप्पी साध रखी है.

विकास में पिछड़ेगा जिला, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने साधी चुप्पी

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के इंदौर जिले में शामिल होने से निश्चित तौर पर धार के विकास पर फर्क पड़ेगा, बावजूद इसके सभी दलों के जनप्रतिनिधि मुद्दे पर मोन हैं, जबकि धार जिले से केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर, विधायक नीना वर्मा, कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम से हैं, लेकिन सभी ने चुप्पी साध रखी है.

उप मुख्यमंत्री जामुन देवी के प्रयासों से की गई धार जिले की स्थापना

मामले पर वकील सुहेल निसार ने कहा कि पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना तत्कालीन कांग्रेस सरकार की उप मुख्यमंत्री जामुन देवी के प्रयासों से की गई थी, जिसका उद्देश्य आदिवासी बाहुल्य जिले का विकास व जिलेवासियों को रोजगार उपलब्ध करवाना था, लेकिन इस इकाई को इंदौर में शामिल करने से विकास और रोजगार सब ठप हो जाएगा.

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