अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए प्रदेश भर के पटवारी, ठप हुआ काम-काज

हड़ताल के चलते सोमवार को रतलाम सहित पूरे प्रदेश में विभिन्न तहसील कार्यालयों में पटवारियों ने अपने-अपने बस्ते जमा कर दिए. रतलाम जिले में भी 350 पटवारियों द्वारा अपना रिकॉर्ड तहसील कार्यालय में जमा कराया गया.

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रतलाम में पटवारी अपना बस्ता जमा करते वक्त नारेबाजी कर रहे थे.
रतलाम:

मध्य प्रदेश के 19 हजार पटवारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. पिछले 25 वर्षों से लंबित मांगें पूरी न होने के कारण प्रदेश भर के पटवारी सरकार से नाराज चल रहे हैं, जिसके चलते जून महीने से पटवारियों का आंदोलन जारी है. इस दौरान पटवारियों की ओर से 5 सूत्रीय मांगों को लेकर समय-समय पर ज्ञापन दिए गए, लेकिन सरकार की ओर से कोई आश्वासन न मिलने के कारण सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी गई.

दरअसल सभी पटवारी अपनी मांगों को लेकर 24 अगस्त से ही सामूहिक अवकाश पर चल रहे थे, लेकिन अब अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा के चलते आम जनता को अपना काम पूरा करवाने में समस्याएं आ रही हैं.

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हड़ताल के चलते सोमवार को रतलाम सहित पूरे प्रदेश में विभिन्न तहसील कार्यालयों में पटवारियों की ओर से अपने-अपने बस्ते जमा किए गए. रतलाम जिले में भी 350 पटवारियों ने अपना रिकॉर्ड तहसील कार्यालय में जमा कराया. पटवारियों के हड़ताल पर जाने से नामांतरण, बंटवारे, जाति प्रमाणपत्र, तहसीलों में लंबित प्रकरण आदि कार्य ठप पड़ गए हैं. 

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कल महिला पटवारी मुख्यमंत्री को सौपेंगी ज्ञापन

पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण पाटीदार ने बताया कि कल सभी महिला पटवारी प्रदेश के मुख्यमंत्री को रक्षा बंधन के अवसर पर राखी देंगी. राखी के साथ महिला पटवारी मुख्यमंत्री को एक संदेश भेजेंगी कि 'हम भी आपकी लाडली बहनें हैं, हमारी मांगो का निराकरण कर हमें भी राखी का उपहार भेंट करें'. 

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5 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रही है हड़ताल

प्रदेश भर के पटवारी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. इनमें पटवारियों का मानदेय 2800 ग्रेड-पे करना, समय-समय पर पदोन्नति, गृह किराया भत्ता और यात्रा किराया भत्ता दिया जाना शामिल हैं.

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