Paper Leak: एमपी के इस जिले में अब LLB की परीक्षा में खुलेआम नकल , सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

Madhya Pradesh LLB Paper leak News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा में पेपर वीक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि छात्र-छात्राएं ऐसे बैठकर नकल कर रहे हैं, जैसे कि वह दोस्तों की महफिल में बैठे हों.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Rewa Paper Leak News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) जिले के त्योंथर तहसील अंतर्गत टीडी महाविद्यालय चाकघाट में आयोजित एलएलबी (LLB) की परीक्षा में नकल करने का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि छात्र-छात्राएं टेबल पर बैठकर किताब और आपस में बातचीत कर प्रश्नों के उत्तर को कॉपी में लिख रहे हैं. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

वहीं, इस पूरे मामले पर अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा साफ तौर से कहते हैं, विश्वविद्यालय परीक्षा लेता है, कभी भी हमारे विभाग को सूचित नहीं करता है, जबकि उसको इस बारे में कई बार लिखा जा चुका है. उनके मुताबिक, इस मामले में पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की है.

Advertisement

सवालों के घेरे में वकालत की पढ़ाई

इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात ये है कि एलएलबी की परीक्षा में नकल का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसने इस सवाल को जन्म दे दिया है कि एलएलबी यानी कानून की जानकारी हासिल करने का कोर्स है, लेकिन जब एलएलबी की छात्र-छात्राएं इस तरह से परीक्षा पास करेंगे तो, ये भविष्य में कानून की लड़ाई कैसे लड़ेंगे. ऐसे में इनकी योग्यता को आसानी से समझा जा सकता है.

Advertisement

यह भी पढ़ें- मंत्रिमंडल विस्तार में दिग्गजों को नजरअंदाज करने पर कांग्रेस का तंज 'अब नइ साहिबो, बदल के रहिबो'

रीवा जिले के चाकघाट के टीडी महाविद्यालय में एलएलबी की परीक्षा में नकल करने का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है, जिनका भविष्य में सच और झूठ की लड़ाई लड़नी है. यानी उनको अभी से झूठ को सच साबित करने की शिक्षा दी जा रही है. इस मामले पर अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा आरपी सिंह विश्वविद्यालय की लापरवाही बता कर विश्वविद्यालय पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय जब भी परीक्षा लेता है, हमको सूचित नहीं करता है, जबकि हमारे कॉलेज में परीक्षा होती है. हमारे विभाग के लोगों को नकल रोकने के पैनल में शामिल नहीं करता है, जबकि इस बारे में विश्वविद्यालय से कई बार पत्राचार भी किया जा चुका है. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय और अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग मिलकर ही नकल पर अंकुश लगा सकते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं है.  

Advertisement

यह भी पढ़ें- आय से अधिक संपत्ति मामले में तीन को सजा, जबलपुर ईडी कोर्ट से पहली बार आया बड़ा फैसला