Kashmir Booking Cancel Madhya Pradesh Tourist: जम्मू-कश्मीर एक बार फिर आतंक की चपेट में है. मंगलवार को आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाया. अंधाधुंध फायरिंग में 26 लोगों की जान चली गई.यह हमला न सिर्फ मासूम जिंदगियों पर वार है, बल्कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले पर्यटन पर भी गहरा असर डालेगा. इस घटना ने उन सभी लोगों के मन में डर भर दिया है, जो आज या आने वाले दिनों में कश्मीर घूमने का सपना देख रहे थे.
रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई थी
22 अप्रैल 2025... ये तारीख न सिर्फ़ कैलेंडर में दर्ज रहेगी, बल्कि कई दिलों पर ज़ख़्म बनेगी. कश्मीर, जो हाल के वर्षों में पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया था, अब फिर से डर और दहशत के साए में है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद सरकार ने घाटी में विकास और शांति बहाली की दिशा में अहम कदम उठाए थे. इसका असर भी दिखा है कि पर्यटन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई थी.
2022 में वहां 1.89 करोड़ पर्यटक घूमने गए थे. 2023 में 2.11 करोड़ , 2024 में 2.35 करोड़ और 2025 में अनुमानित संख्या है 3 करोड़ पर्यटकों की है.
लेकिन, इस हमले ने कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को गहरा झटका दिया है. श्रीनगर जाने वाले 10% पर्यटकों ने अपनी फ्लाइट्स और होटल बुकिंग रद्द कर दी हैं. बाय रोड जाने वालों में 99% ने या तो बुकिंग कैंसिल कर दी है या किसी अन्य हिल स्टेशन की ओर रुख कर लिया है. मध्यप्रदेश में करीब 4,000 से अधिक लोगों ने कश्मीर का दौरा टाल दिया है.
भोपाल से 60 ग्रुप की बुकिंग कैंसिल हुई है. जबकि सबसे ज्यादा इंदौर से 73 ग्रुप बुकिंग कैंसिल हुई है.जबलपुर से 24 ग्रुप और ग्वालियर से 30 ग्रुप बुकिंग कैंसिल हो गई है.
ट्रैवल एजेंट सुशील पाली ने बताया कि लोगों के मन में डर है. कई बुकिंग्स रद्द हो रही हैं. जो मई में जाने वाले थे, वो अब सीधे टूर कैंसिल कर रहे हैं या हिमाचल और उत्तराखंड की तरफ जा रहे हैं. पर्यटक जया सिंह चौहान ने कहा कि हमले के बाद से मन बहुत व्याकुल है. मैं 20 दिन बाद परिवार के साथ कश्मीर जाने वाला था, लेकिन अब नहीं जाऊंगा. टूर कैंसिल कर दिया है. अगले दो-तीन साल तक भी कश्मीर जाने की हिम्मत नहीं कर पाऊंगा .
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पर्यटन पर आधारित है कश्मीर की अर्थव्यवस्था
कश्मीर की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन पर आधारित है. गर्मी के चार महीनों में होटल, ट्रांसपोर्ट,गाइड और अन्य सेवाएं देने वालों की सालभर की कमाई हो जाती थी.अब यह हमला उनके रोजगार पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है.