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MCB में 3 साल से बंद है सिटी बसों का संचालन, डिपो में खड़ी कबाड़ में हो रही तब्दील

MCB जिले के नगर पालिका निगम चिरमिरी की सिटी बसें कबाड़ हालत में खड़ी हैं. 2015 में खरीदी की गई ये बसें मरम्मत और संचालन के अभाव में नगर निगम के बस डिपो में खड़ी हैं. जिसके कारण यात्रियों को दोगुने किराये मे सफर करना पड़ रहा है.

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नगर निगम को 7 बसें मिली थीं, जिनमें से वर्तमान में केवल 2 बसें ही चल रही हैं.

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले के नगर पालिका निगम चिरमिरी (Municipal Corporation Chirmiri) की सिटी बसें (City Buses) कबाड़ हालत में खड़ी हैं. 2015 में खरीदी की गई ये बसें मरम्मत और संचालन के अभाव में नगर निगम के बस डिपो में खड़ी हैं. बता दें कि करोड़ों रुपए खर्च कर लोगों को कम किराए पर यात्रा का लाभ देने के लिए ये बसें खरीदी गई थी, लेकिन नगर निगम की लापरवाही और ढीली कार्यप्रणाली से यह बसें चलने के बजाय रखे-रखे ही कबाड़ हो रही हैं. वहीं इस मामले में निगम अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम के प्रस्ताव पर सिटी बसों के लिए बजट मिलने के बाद मरम्मत कराई जाएगी. फिलहाल दो सिटी बसें चल रही हैं.

बता दें कि वर्तमान में नगर निगम चिरमिरी में सिर्फ दो बसें चल रही हैं. पांच बसें करीब 4 साल से बस स्टैंड में खड़ी-खड़ी कबाड़ हो रही हैं. सिटी बस नहीं चलने से यात्रियों को कम कीमत पर यात्रा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. लोगों की मानें तो कोविड के समय में सिटी बसों का संचालन बंद कर दिया गया था. जिसके बाद ये बसे दोबारा नहीं चलाई गईं. 

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अभी इस रूट में चल रही हैं बसें

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में फिलहाल दो सिटी बसें चल रही हैं. पहली बस पोड़ी कालरी से होकर कोरिया, गेल्हापानी, डोमनहिल, गोदरीपारा, बड़ा बाजार, हल्दीबाड़ी, पोड़ी होते हुए चिरमिरी से मनेंद्रगढ़ चलती है. दूसरी सिटी बस पोड़ी डिपो से हल्दीबाड़ी, बड़ी बाजार, गोदरीपारा, डोमनहिल होते हुए चिरमिरी से जिला मुख्यालय बैकुंठपुर तक चलती है.

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नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सिटी बसों के लिए बजट मिलने के बाद मरम्मत कराई जाएगी.

निजी बस मालिकों से पैसे लेने का आरोप

लंबे समय से बिना किसी कारण के सिटी बसों का संचालन बंद है. जिसके बाद से निगम के अधिकारी और नेताओं पर निजी बसों के संचालकों से पैसे लेने के आरोप लगने लगे हैं. लोगों का कहना है कि केवल दो सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है, उनमें भी निजी बसों के जैसा ही किराया वसूला जा रहा है. वहीं किराया वसूलने के बाद मानक रसीद देने के बजाय कागज का टुकड़ा पकड़ा दिया जाता है.

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कबाड़ होने की कगार पर बसें

कोरिया अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसायटी द्वारा सिटी बस परियोजना के तहत 7 बसो का संचालन शुरू किया गया था. निगम की 7 सिटी बस पोड़ी डिपो में खड़े-खड़े कबाड़ हो रही हैं. डिपो में खड़ी बसों के टायर, बैटरी, वायरिंग, गेयर बॉक्स खराब हो चुके हैं, यहां तक की बसों के सीट कवर फटने के साथ-साथ शीशे भी टूट चुके हैं. कई बसों के तो पहिए भी गायब हो चुके हैं. जिसके बाद अब इन बसों के मेंटेनेंस पर ही करीब 7 से 10 लाख रुपए का खर्च आना है.

2015 में खरीदी गई थी बसें

चिरमिरी नगर निगम ने चार साल पहले कोरिया शहरी ट्रांसपोर्ट सोसायटी के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर 2015 में सिटी बस सेवा शुरू किया था. कंपनी को निगम ने 7 बसें हैंडओवर कीं थीं, लेकिन शुरुआत से ही सिर्फ 5 बसों का संचालन किया जा रहा था. कंपनी ने धीरे-धीरे घाटे वाले रूट पर बसों का संचालन बंद कर दिया और मार्च 2020 तक सिर्फ 4 रूट पर बसों का संचालन किया. इसके बाद कोरोना के कारण सिटी बस सेवा ही बंद कर दी गई.

दोगुना किराया दे रहे विद्यार्थी

सिटी बसों का संचालन चिरमिरी से बैकुंठपुर व मनेंद्रगढ़ के लिए किया जाता था. इसमें औसतन रोजाना 500 लोग सफर करते थे. बसों का संचालन बंद होने से छात्र और मजदूर वर्ग परेशान हैं. उन्हें पहले अपनी यात्रा के लिए 20 से 25 रुपए चुकाने पड़ते थे, लेकिन अब उन्हें रोजाना इसके लिए 50 से 60 रुपए का खर्च आता है.

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