वारासिवनी पुलिस ने पुलिस आरक्षक से लाखों की धोखाधड़ी करने वाले शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी बड़े शातिर तरीके से व्हाट्सएप लिंक भेजकर धोखाधड़ी को अंजाम देता था. पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रद्युम्न (22) के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में 30 से अधिक धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला कायम कर न्यायालय में पेश किया है. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
इसी वर्ष मार्च महीने में बटालियन में पदस्थ आरक्षक भूपेन्द्र कुमार ने वारासिवनी पुलिस थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने व्हाट्सएप लिंक भेजकर उसके बैंक अकाउंट से 2 लाख से अधिक राशि की धोखाधड़ी की है. आरोपी ने सिम बंद होने की बात कहकर ओटीपी मांगा, जिसके बाद पीड़ित के अकाउंट से 2 लाख 12 हजार रुपए गायब हो गए. पीड़ित की शिकायत के बाद वारासिवनी पुलिस द्वारा मामले की जांच कर अज्ञात आरोपी की तलाश शुरू की गई. मामले में स्थानीय पुलिस ने साइबर सेल की मदद से लगभग 5 महीने बाद शातिर बदमाश को पकड़ा. पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रदेश के रीवा जेल में पहले से बंद था. आरोपी की पहचान प्रद्युम्न (22) पिता कार्तिक मण्डल निवासी रामपुरा जिला जामताड़ा झारखंड के रूप में हुई है.
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आरोपी पर दर्ज हैं 30 से अधिक मामले
पुलिस ने बताया कि आरोपी बड़ी ही चालाकी से जियो सिम धारकों को व्हाट्सएप में लिंक भेजकर ओटीपी नंबर डालने को कहता था. ओटीपी नंबर डालते ही कुछ ही मिनटों में अकाउंट में रखी राशि को बड़ी ही चालाकी से अपने अकाउंट में ट्रांसफर करता था. बताया जा रहा है कि आरोपी प्रद्युम्न मंडल के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में लगभग 30 से अधिक मामले दर्ज हैं. फिलहाल ये रीवा जेल में बंद था. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर वारासिवनी में मामला कायम कर न्यायालय में पेश किया. जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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