Beware of cyber crime: ग्वालियर (Gwalior) में कुछ ही समय में करोड़पति बनाने का सपना दिखाकर शेयर मार्केट (Share Market) में पैसा लगवाकर ठगों ने एक कॉन्ट्रेक्टर को 28 लाख रुपये का चूना लगा (online trading fraud in Gwalior) दिया. घटना महाराजपुरा थाना क्षेत्र के दीनदयाल नगर की है. ठगी का पता पीड़ित को तब हुआ जब ठेकेदार ने अपने शेयर बेच कर अकाउंट से रुपये निकालने का प्रयास किया, लेकिन रुपये नहीं निकले. जब उसने पैसा लगवाने वालों से बात की तो उन्होंने पैसे निकालने के लिए नई शर्त रख दी.
उन्होंने कहा कि वो कुल राशि का पंद्रह प्रतिशत बतौर सिक्युरिटी जमा कराये. इससे बाद ठेकेदार को शक हुआ और वह पुलिस अफसरों से मिलकर अपनी व्यथा बताई. मामले की गंभीरता को देखते हुए अफसरों ने उसकी शिकायत पर कार्रवाई के लिए क्राइम ब्रांच की साइबर सेल को निर्देश दिए हैं. उसके बाद क्राइम ब्रांच थाना में मामले की FIR दर्ज की गई.
ऐसे मकरजाल में फंसाते हैं ठग
ग्वालियर के शताब्दीपुरम निवासी जितेन्द्र कुमार तिवारी पुत्र राजेन्द्र कुमार तिवारी ठेकेदार हैं. उनके मोबाइल पर चार फरवरी 2024 को ICICI सिक्युरिटीज NSE, BSE -302 के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप का लिंक आया. उनका खाता भी ICICI बैंक में है तो उन्होंने ग्रुप ज्वाइन कर लिया. इसके बाद ग्रुप पर शेयर मार्केट के मैसेज आने लगे. ग्रुप में आए एक अन्य ऐप के लिंक को डाउनलोड कर उन्होंने शेयर खरीदने-बेचने शुरू कर दिए, जिसका पैसा लाभ सहित उन्हें मिला. इस तरह से वह ठगों के जाल में फंसते चले गए.
IPO में इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगे 28 लाख
फ़रियादी ने पुलिस को बताया कि इसके बाद उसे सलाह दी गई कि अब IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) में पैसा लगाए. उन्होंने इसके फायदे भी गिनाए. जब वह राजी हो गया तो उसे बताया गया कि ICICI सिक्युरिटीज एप एक इंटरनेशनल ऐप है, इसमें डायरेक्ट पैसा जमा नहीं होता है, इसलिए उसे एक अकाउंट नंबर दिया जाएगा, जिसमें उन्हें पैसे जमा करना है. फरियादी झांसे में आ गया. ठेकेदार ने अकाउंट बनाकर उसमें पैसे जमा करना शुरू कर दिया.
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अगर आपका खाता जिस बैंक में और उसका लिंक आए तो हो जाएं सावधान
ठेकेदार ने 28 लाख 1600 रुपये लगाकर शेयर में करीब 3 करोड़ 34 लाख 9540 रुपये कमाए.अच्छा मुनाफा होने पर उसने सारे शेयर बेच दिए और पैसे निकालने का प्रयास किया, लेकिन पैसे नहीं निकले तो उसने ऐप के माध्यम से बातचीत की तो उसे बताया गया कि प्रॉफिट के रुपयों में से पंद्रह प्रतिशत एडवांस टैक्स जमा कराना होगा, तब रुपये निकलेंगे.
परेशान ठेकेदार ICICI बैंक पहुंचा और बातचीत की तो पता चला कि यह ऐप उनकी बैंक का नहीं है. यह जानकारी मिलते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई और वह सीधे पुलिस अफसरों के पास पहुंचा और शिकायत की. शिकायत पर क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने मामला दर्ज कर ठगों की तलाश शुरू कर दी है.
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बता दें कि ठगों ने इन दिनों शेयर मार्केट में प्रॉफिट कराने का झांसा देकर ठगी का खेल शुरू किया है. हाल ही में ग्वलियर शहर के कई लोगों को अपने झांसे में लेकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.
कैसे साइबर ठगों से रहें सावधान?
1. अगर आप किसी कंपनी का कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर ढूंढ रहे हैं तो उसे गूगल पर ना खोजें, बल्कि उस संस्थान के वेबसाइट पर जाएं और फिर कस्टमर केयर का नंबर सर्च करें.
2. कभी भी सर्विस प्रोवाइडर, बैंक और यूपीआई किसी कस्टमर को कॉल नहीं करते. इनके नाम से आने वाले कॉल पर विश्वास नहीं करें.
3. अगर आपको शंका हो तो बैंक जाकर बात करें.
4. क्यूआर कोड पेमेंट देने के लिए होता है, रिसीव करने के लिए नहीं होता.
5. साइबर ठग आपको क्यूआर कोड भेज कर ठगी का शिकार बनाते हैं.
6. अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजे गये क्यूआर कोड को स्कैन ना करें.
7. किसी के कहने पर ओटीपी ना बताएं.
8. यदि आपके पास बैंकिंग या फाइनेंस से जुड़ा कोई मैसेज आए तो उसे बहुत ध्यान से पढ़ें.
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