Cough Syrup Death in Chhindwada: मध्य प्रदेश में कफ सिरप से मरने वाले बच्चों की संख्या 20 हो गई है. छिंदवाड़ा जिले का एक और बच्चा जहरीली कफ सिरप का शिकार हो गया है. 7 बच्चों का अभी भी इलाज चल रहा है, जो महाराष्ट्र के नागपुर में अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं. इनका खर्चा सरकार ने उठाने की बात कही है. उधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कार्रवाई करते हुए छिंदवाड़ा के सीएमएचओ और सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश गोनारे को पद से हटा दिया है.
कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चे गुर्दे (किडनी) में संक्रमण का शिकार हुए थे. मृतकों छिंदवाड़ा जिले के 18 (पांढुर्णा में 1) और बैतूल जिले के दो बच्चे शामिल हैं. छिंदवाड़ा में मंगलवार को जुन्नारदेव के रहने वाली जायुषा यदुवंशी की मौत हो गई. 20 सितंबर को डायरिया से पीड़ित होने के बाद प्रवीण सोनी को दिखाया था. वहीं, 24 सितंबर को जायुषा को नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
29 सितंबर तक हुई थी 10 बच्चों की मौत
बता दें कि कफ सिरप से 29 सितंबर तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी थी, लेकिन 10 बच्चों की जान जाने के बाद भी सिरप के सैंपल जांच के लिए साधारण रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए, जिसकी ट्रैकिंग तक नहीं हुई. जांच से पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने सिरप को क्लीन चिट दे दी. अब राज्य की लैब्स में 5500 सैंपल जांच के लिए पहुंचे हैं, जबकि सालभर में क्षमता सिर्फ 6000 सैंपलों की है.
बता दें कि बच्चों की किडनी में संक्रमण की जानकारी 19 सितंबर को नागपुर से मिल गई थी. इसके बाद 22 सितंबर को विशेषज्ञों की टीम छिंदवाड़ा भेजी गई. 26-28 सितंबर तक नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, राज्य सरकार, एनएचएम की टीमों ने सैंपल लिया.
छिंदवाड़ा में 29 सितंबर को लगा सिरप पर बैन
उधर, नागपुर की मेट्रो सर्विलांस यूनिट ने प्रशासन को अलर्ट किया. जांच में पता चला कि बच्चों की रीनल बॉयोप्सी में किडनी में जहर है. फिर 29 सितंबर की शाम को छिंदवाड़ा कलेक्टर ने कोल्ड्रिफ सिरप पर बैन लगा दिया, लेकिन राज्य में इस सिरप की बिक्री जारी रही.
- उसके बाद, 1 अक्टूबर को Nastro-DS और Coldrif Cough Syrup पर कार्रवाई के लिए राज्यों को पत्र भेजा गया.
- 3 अक्टूबर को तमिलनाडु के सरकारी विश्लेषकों से रिपोर्ट आई कि कोल्ड्रिफ सिरप अमानक है. पता चला कि कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6 प्रतिशत डायथलीन ग्लाइकोल (जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है) है.
- 4 अक्टूबर को मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ सिरप के वितरण पर रोक लगा दी गई.
- जब बच्चों की कफ सिरप से मौत हो रही थी, तब छिंदवाड़ा से 29 सितंबर को ड्रग इंस्पेक्टर्स ने सिरप के सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब भेजे. चौंकाने वाली बात यह कि इन सैंपल को इमरजेंसी नहीं मानकर इन्हें सरकारी रजिस्ट्रर्ड पोस्ट से भेजे थे.
देवांश की हुई थी सबसे पहले मौत! जो सरकारी आंकड़े में नहीं
छिंदवाड़ा में डुड्डी के रहने वाले बच्चे देवांश यदुवंशी की भी 2 सितंबर को मौत हुई थी. परिजनों ने बताया कि देवांश पहला बच्चा था, जो जहरीली कफ सिरप का शिकार हुआ था. बावजूद इसके मृतकों की लिस्ट (कफ सिरप से मरने वाले) में बच्चे का नाम नहीं जोड़ा था. अब बुधवार को डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बच्चे के परिजनों से उनके घर जाकर मुलाकात की और दो दिन में मुआवजा राशि देने का आश्वासन दिया. हालांकि अभी सरकारी आंकड़ों में देवांश का नाम नहीं है, अगर इसका नाम जुड़ जाता है तो कफ सिरप से मरने वालों की संख्या 21 हो जाएगी.
छिंदवाड़ा में इन बच्चों ने गंवाई जान
- शिवम राठौड़
- विधि
- अदनान खान
- उसेद खान
- ऋषिका पिपरे
- श्रेया यादव
- विकास यदुवंशी
- हितांश सोनी
- चंचलेश
- संध्या भोसम
- योगिता ठाकरे
- सेहरिश अली या सेहरिश फातिमा
- आतिया खान
- सत्य पवार
- धानी डहेरिया
- वेदांत काकोड़िया
- जायुषा यदुवंशी
- पूर्वी आदमची (पांढुरना में)
बैतूल
- कबीर यादव
- गर्मीत धुर्वे
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