MP Budget : कांग्रेस ने बजट पर कहा- 'खोखले वादों' से भरा,'लाडली बहना' की राशि बढ़ाने पर चुप्पी क्यों ?

MP Budget 2025 : मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को अपना बजट पेश किया. इस बीच जहां बीजेपी इस बजट को ऐतिहासिक बता रही है. वहीं, कांग्रेस ने बजट की कमियां बताई है. इसे  'खोखले वादों' से भरा हुआ कहा है. लाडली की सहायता राशि को लेकर सवाल उठाए हैं. 

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(फाइल फोटो)
भोपाल:

Congress Reaction On MP Budget 2025 : विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को मध्यप्रदेश के बजट को 'खोखले वादों' से भरा बताया और भाजपा सरकार पर लोकप्रिय लाडली बहना योजना के तहत सहायता राशि बढ़ाने पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने नौकरियों एवं कर्ज को लेकर बजट की आलोचना की. आरोप लगाया कि बजट में किसानों के हितों की अनदेखी की गई है.इससे पहले वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2025-26 के लिए 4.21 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया. धार्मिक स्थलों के विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा की गई है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह परिव्यय 15 प्रतिशत अधिक है.

'लाडली बहना लाभार्थियों की संख्या में कमी आ रही'

कमलनाथ ने एक बयान में कहा कि हालांकि, यह भाजपा सरकार का दूसरा बजट था, लेकिन पार्टी द्वारा किए गए चुनावी वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य की बहनें लाडली बहना कार्यक्रम के तहत मासिक सहायता राशि 1,250 रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये किए जाने का इंतजार कर रही हैं, लेकिन सरकार ने इस चुनावी वादे के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा.उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार के गठन के बाद से लाडली बहना लाभार्थियों की संख्या में कमी आ रही है.

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कमलनाथ ने लगाया ये आरोप

उन्होंने कहा कि कन्या विवाह योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या भी 2023-24 की तुलना में 2024-25 में 77 प्रतिशत कम हो गई है. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि किसानों को उम्मीद थी कि भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप गेहूं और धान के लिए क्रमश: 2,700 रुपये और 3,100 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा, लेकिन वित्त मंत्री ने इस बारे में भी एक शब्द नहीं कहा.उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान खाद, बीज, बिजली और पानी से संबंधित संकटों से जूझ रहे हैं, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया.

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जीतू पटवारी ने इसे ‘भ्रामक' बजट बताया

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इसे ‘भ्रामक' बजट बताया. पटवारी ने एक बयान में कहा, ‘‘इस बजट में विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं है. इसे कर्ज बढ़ाने, कमीशनखोरी को संस्थागत बनाने और भ्रष्टाचार को मजबूत करने के लिए तैयार किया गया है. यह बजट भाजपा सरकार की विफलताओं और जनविरोधी नीतियों को उजागर करता है.''

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सरकार ने एक बार फिर कर्ज की सीमा बढ़ा दी

उन्होंने कहा कि इस बजट के जरिए सरकार ने एक बार फिर कर्ज की सीमा बढ़ा दी है, जबकि प्रदेश पहले से ही भारी कर्ज में डूबा हुआ है, लेकिन सरकार को सिर्फ भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की चिंता है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने 39 नए औद्योगिक क्षेत्रों में तीन लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं.

‘‘सरकार कर्ज लेकर कर्ज चुका रही है.''

पटवारी ने कहा कि भाजपा सरकार का असली चेहरा अब सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि बजट में किसानों को कोई राहत नहीं दी गई है. नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा कि बजट से राज्य के हर व्यक्ति पर 50 हजार रुपये से अधिक का बोझ पड़ेगा. उन्होंने मीडिया को जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सरकार कर्ज लेकर कर्ज चुका रही है.''

सौर ऊर्जा देने की घोषणा पर भी उठे सवाल 

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने लोगों को सपने दिखाए, लेकिन सरकार के पास इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है कि ये सपने कब पूरे होंगे. कांग्रेस नेता ने 100 आदिवासी गांवों को सौर ऊर्जा देने की घोषणा को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. आदिवासी नेता ने पूछा,‘‘क्या सरकार को सिर्फ 100 गांव ही दिख रहे हैं, बाकी का क्या होगा". 

MLA  प्रताप ग्रेवाल ने सदन में पूछे ये सवाल

कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सदन में पूछा कि क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जून 2023 से फरवरी 2025 तक जिलेवार लाड़ली बहना की संख्या कितनी है. उन्हें दिये हितलाभ की जानकारी दें. कितनी लाडली बहनों को अपात्र किया गया?

(ख) क्या मुख्यमंत्र ने 10 फरवरी 25 को देवास में लाडली बहना की राशि ट्रांसफर करते हुए घोषणा की कि अभी 1250 रू. दे रहे हैं, धीरे-धीरे राशि बढायेंगे, आगे चलकर इसे 3000 रु. प्रतिमाह करेंगे. यदि हां. तो बतावें कि इस संदर्भ में शासन स्तर पर क्या प्रक्रिया चल रही है? धीरे-धीरे कितनी राशि प्रतिमाह बढ़ेगी. कब इसे 3000 रु. प्रतिमाह किया जायेगा?

(ग) क्या यह सतत प्रकृति की योजना है? क्या लाडली बहना योजना का हितलाभ एक मौलिक अधिकार है? क्या इस योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया के आदेश क्रं. 581/1134838/2023/50-2 दिनांक 1.3.2023 में नवीन पंजीयन की समय-सीमा का उल्लेख नहीं है?  क्या उक्त आदेश में मृतक हितग्राही के नाम विलोपित करने का उल्लेख है?

(घ) लाड़ली बहना के आदेश दिनांक 1.3.2023 के पेरा 11 अनुसार मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के कार्य की दक्षता के समय-समय पर किये गये मूल्यांकन की प्रति दें.

(ड.) लाड़ली बहना योजना के नवीन आवेदन कब से प्रारंभ होंगे? 

इन सावलों का जवाब देते हुए  महिला और  बाल विकास मंत्री ( निर्मला भूरिया) ने कहा-   35 महिलाओं को अपात्र किया गया. वहीं, वर्तमान में विभाग स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. 

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