CBI Raid: NCL में बड़ी कार्रवाई से मचा हड़कंप,कई स्थानों पर तलाशी के बाद मिले ये आपत्तिजनक दस्तावेज

CBI Raid:  एमपी के सिंगरौली में सीबीआई ने नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों पर सीबीआई की छापेमार कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया. इस मामले को लेकर सिंगरौली, जबलपुर और नोएडा में कई स्थानों पर तलाशी ली गई. अब सीबीआई का आधिकारिक बयान भी सामने आया है.

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CBI Raid on NCL Officers: एमपी के सिंगरौली में सीबीआई ने नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों पर सीबीआई की छापेमार कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया. इस मामले को अब सीबीआई का आधिकारिक बयान भी सामने आया है. सीबीआई ने नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनके पास से करीब 4 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुए थे.

इनको किया गया था गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा, "भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करते हुए, सीबीआई ने 17 अगस्त को की गई तलाशी के दौरान उनके आवास से 3.85 करोड़ रुपये नकदी बरामद होने के बाद, नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के प्रबंधक (सचिवालय) और सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा को गिरफ्तार किया है. यह राशि कथित तौर पर एनसीएल, सिंगरौली में उनके संचालन के लिए कई ठेकेदारों और अधिकारियों से उनके पक्ष में एकत्र की गई थी.

ये अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाने का करते थे काम

सीबीआई ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के बिचौलिए और मालिक रविशंकर सिंह को भी गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर विभिन्न ठेकेदारों/व्यापारियों और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कई अधिकारियों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था. नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के इन अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाने और उन्हें सुविधा प्रदान कर रहा था.

रिश्वत देते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुए..

मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के रविशंकर सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह को भी सीबीआई में उनके खिलाफ लंबित शिकायतों/जांच के मामलों में अनुकूल रिपोर्ट प्राप्त करने के एवज में जॉय जोसेफ दामले, उप पुलिस अधीक्षक, एसीबी, सीबीआई, जबलपुर को 5 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. रविशंकर सिंह और उनके सहयोगी एनसीएल (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के अधिकारियों और जेजे दामले के बीच बिचौलिए के रूप में काम कर रहे थे, जिन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.

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ये नाम भी आए चर्चा में

1. विशंकर सिंह, मेसर्स संगम इंजीनियरिंग, सिंगरौली (मप्र) के निदेशक के खिलाफ केस पंजीकृत किया गया था
2. लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह (सेवानिवृत्त), प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल, सिंगरौली
3. सुबेदार ओझा, प्रबंधक (सचिवालय), एनसीएल, सिंगरौली
4. दिवेश सिंह, निजी व्यक्ति ( रविशंकर सिंह के सहयोगी)

इस मामले को लेकर सिंगरौली, जबलपुर और नोएडा में कई स्थानों पर तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं.

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ये बात भी आई सामने

आरोप है कि 16 अगस्त को रविशंकर सिंह के निर्देश पर रवि सिंह के कर्मचारी अजय वर्मा ने लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह (सेवानिवृत्त), मुख्य प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल, सिंगरौली से 5 लाख रुपये का उपरोक्त अनुचित लाभ प्राप्त किया था. रिश्वत की रकम कथित तौर पर श्री सूबेदार ओझा द्वारा भेजी गई थी और 17 अगस्त को रविशंकर सिंह ने दिवेश सिंह को यह रकम एसीबी जबलपुर, सीबीआई के डिप्टी एसपी जेजे दामले तक पहुंचाने का निर्देश दिया था.जॉय जोसेफ दामले, उप पुलिस अधीक्षक, सीबीआई, एसीबी, जबलपुर, अन्य अधिकारी और अन्य अज्ञात के नाम शामिल हैं.

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