Gwalior: नर्सिंग की छात्राएं उतरीं सड़कों पर, एग्जाम कराने की मांग को लेकर दिया धरना

Nursing Students Protest: पिछले तीन साल से नर्सिंग की छात्राओं के एग्जाम नहीं होने के कारण बुधवार को ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज द्वारा संचालित शासकीय नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन किया.

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छात्राएं एग्जाम कराने की मांग कर रही हैं.

Nursing Students Protest in Gwalior: ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (Gajra Raja Medical College) द्वारा संचालित शासकीय नर्सिंग कॉलेज (Govt Nursing College) की छात्राओं ने बुधवार को एग्जाम कराने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन (Nursing Students Protest) किया. दरअसल, नर्सिंग कॉलेज (Nursing College) की छात्राओं के पिछले तीन साल से एग्जाम नहीं हो रहे हैं. उनसे पूरा काम कराया जा रहा है, लेकिन उनकी परीक्षा नहीं हो रही है. जिसके बाद आज शासकीय नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं के सब्र का बांध टूट गया और वे सड़क पर उतर आईं. छात्राओं का कहना है कि उनसे काम लिया जा रहा है लेकिन न उनके एग्जाम हो रहे हैं और न डिग्री मिल रही है. इससे उनका भविष्य चौपट हो रहा है. इसके विरोध में आज सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स ने जुलूस निकाला और फिर धरना शुरू कर दिया. 

तीन साल से नहीं हुईं परीक्षाएं

दरअसल, नर्सिंग कॉलेज में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की बीते तीन साल से परीक्षाएं नहीं हो रही हैं. इसकी वजह कोर्ट द्वारा स्थगन लगाया जाना बताया जा रहा है. धरने पर बैठी जीआर मेडिकल कॉलेज की छात्रा शालिनी पाल कहती हैं कि हमारा कॉलेज डेफिशियेंसी में आ गया है. इसे दूर किया जाए. इसके चलते 3 साल से हमारे एग्जाम नहीं हुए. यह तत्काल कराए जाएं. वहीं नर्सिंग एसोसिएशन की महामंत्री पूनम सरेनकर का कहना है कि प्रदेश भर की हमारी साथी डिप्रेशन में आ गईं हैं.

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छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप

पूनम सरेनकर का कहना है कि आज यहां धरने पर बैठे हुए जीआर मेडिकल कॉलेज के लगभग 500 स्टूडेंट्स हैं, जिनके तीन साल से कोई एग्जाम नहीं हो रहे हैं. ये शासन के जरिए चुनकर आए हैं. इनसे पूरी ड्यूटी ले ली गई, इनसे पूरा काम ले लिया गया है. लेकिन इनका फर्स्ट, सेकेंड या थर्ड किसी भी वर्ष का एग्जाम नहीं लिया जा रहा है. हमारे भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है क्योंकि हमें तो ये पता था कि हम सरकारी संस्थान में जा रहे हैं. लेकिन, अब सरकार या प्रशासन कोई भी हमारी नहीं सुन रहा है.

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नर्सिंग एसोसिएशन की महामंत्री पूनम सरेनकर का कहना है कि जब हम लोगों ने डीन सर से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता. आखिर उन्हें आगे जाकर बात करनी चाहिए कि चार साल का कोर्स है, तीन साल निकल गए. अगर सात साल में डिग्री मिलेगी तो इनका भविष्य ही खराब हो जायेगा. कई बच्चों को बगैर एग्जाम के हॉस्टल से रिलीव कर दिया गया. सरकार और प्रशासन की गलती की सजा स्टूडेंट के भविष्य से खिलवाड़ करके दी जा रही है.

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