कॉलेज बंद लेकिन फीस का क्या? शहडोल में नर्सिंग छात्रों ने जताया विरोध

MP Nursing Scam : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिक्षा माफियाओं की कीमत अब युवा छात्रों को चुकानी पड़ रही है. वो तमाम छात्र जो फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के झांसे में आ गए. लाखों की फीस की फीस भरने के बाद भी इन छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है.

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MP Nursing Scam : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिक्षा माफियाओं की कीमत अब युवा छात्रों को चुकानी पड़ रही है. वो तमाम छात्र जो फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के झांसे में आ गए. लाखों की फीस की फीस भरने के बाद भी इन छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है. जब से मध्य प्रदेश का नर्सिंग कॉलेज घोटाला सामने आया है तब से प्रदेश भर के छात्रों में नाराज़गी देखने को मिल रही हैं. इसी कड़ी में आज मंगलवार को शहडोल जिले में  नर्सिंग के कई छात्र सड़क पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

फीस को लेकर जताई नाराज़गी

छात्रों का कहना है कि हाईकोर्ट  के आदेश के बाद शहडोल जिले के भी कई कॉलेज सील किए गए थे. अब उन छात्रों का कहना है कि कॉलेज न तो हमारी फीस वापिस कर रहा है न ही सर्टिफिकट और डॉक्युमेंट लौटा रहा है. आज मंगलवार को नर्सिग कॉलेज के फर्स्ट ईयर में पड़ने वाली छात्राएं शहडोल कलेक्ट्रेट पहुंचीं, उन्होंने बताया कि वो सभी पंचशील नर्सिग कालेज में पड़ती है. शासन ने कॉलेज को सील कर दिया है, अब वो दरबदर भटक रही है

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अनफिट कॉलेज हो गए बंद

जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज की मान्यता वाले घोटाले में हाइकोर्ट के निर्देश के बाद CBI ने जांच शुरू की थी. CBI जांच में शहडोल जिला मुख्यालय के तीन नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट दी गई थी. जबकि 8 कॉलेजों में खामियां पाई गई थी और 4 नर्सिग कॉलेज अनफिट पाए गए. फैसले के बाद अनफिट कॉलेजों पर ताला जड़ दिया गया है. अब इनमें पड़ने वाले छात्रों का कहना है कि उनका भविष्य अधर में लटक चुका है. न तो उनकी फीस लौटाई जा रही है और न ही कागज़ात.

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छात्रों ने दी हड़ताल की धमकी

छात्र-छात्रों ने बताया कि कॉलेज ने उनके ओरिजनल डॉक्युमेंट जमा करा लिए गए थे.... अब कॉलेज स्टाफ ने उन्हें लौटने के नाम पर चुप्पी साध ली है. छात्रों का कहना है कॉलेज स्टाफ ने हाथ खड़े कर कह दिया है कि आपको जहां जाना है... वहां चले जाइए. छात्रों ने अपनी लाखों रुपये फीस में लगा दी.. वे सभी दो साल से पढ़ाई कर रहे थे. अब वे कहां जाए... उनके घर वाले भी येही सवाल पूछते है. छात्राओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर मांग की है कि उन्हें अन्य सूटेबल कॉलेज एडमिशन दिलवाया जाए. नहीं तो 10 दिन बाद वो हड़ताल में बैठेंगे.

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