रीवा : नई शिक्षा नीति और पटवारी घोटाले के खिलाफ NSUI ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

छात्रों का कहना है कि कोरोना काल में सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू कर 13 लाख छात्रों की हत्या की है. इसके अलावा छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने और पटवारी भर्ती घोटाले को लेकर भी विरोध किया गया.

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पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों के ऊपर आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया.
रीवा:

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में NSUI कार्यकर्ताओं और छात्रों ने नई शिक्षा नीति और पटवारी घोटाले के खिलाफ कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस ने छात्रों को रोकने की कोशिश की. छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ 'आतंकवादियों' जैसा व्यवहार किया. उनके ऊपर आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और लाठी चार्ज किया गया. वहीं पुलिस ने बताया कि छात्र उपद्रव कर रहे थे, जिसके कारण हल्का-फुल्का लाठाचार्ज कर उनको तितर-बितर किया गया.

'सरकार को 2023 के चुनाव में देंगे जवाब'

रीवा में शनिवार को NSUI के बैनर तले छात्र नई शिक्षा नीति का विरोध करने सड़क पर उतरे छात्रों ने सरकार का जमकर विरोध किया. छात्रों का कहना है कि कोरोना काल में सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू कर 13 लाख छात्रों की हत्या की है. इस नीति की जानकारी छात्रों को नहीं है, प्रदेश के लाखों लाख छात्र परेशान हैं. इसके अलावा छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने और पटवारी भर्ती घोटाले को लेकर भी विरोध किया गया. छात्रों ने कहा कि सरकार हमारे ऊपर लाख लाठियां चलवा ले, जेल भेज दे लेकिन हम रुकेंगे नहीं. हम इसका जवाब 2023 के चुनाव में देंगे. पुलिस में सोची समझी साजिश के तहत हमें रोका है. हमारे ऊपर आंसू गैस के गोले और वाटर कैनिंग का इस्तेमाल किया गया. NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा कि पुलिस ने हमारे साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया, लाठी चार्ज किया और भद्दी-भद्दी गालियां दी. 

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प्रदर्शन के दौरान पुलिस कुछ छात्रों को गाड़ी में भरकर पुलिस लाइन थाना लेकर गई.

पुलिस ने बल प्रयोग से किया इनकार

वहीं दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि छात्र उपद्रव कर रहे थे. हमने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन नहीं माने जिसके बाद हल्का-फुल्का लाठी चार्ज करके छात्रों इतर-बितर किया गया है. वहीं कुछ छात्रों को पुलिस लाइन थाना में रखा गया है. रीवा के एडिशनल एसपी अनिल सोनकर ने छात्रों पर किए गए बल प्रयोग से साफ तौर पर इनकार किया है.

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