Cyber Fraud News: ज़रा सोचिए, आपकी गाड़ी घर या ऑफिस के बाहर खड़ी हो और अचानक आपके खाते से टोल टैक्स कट जाए तो आप क्या करेंगे...दूसरे उदाहरण भी हैं...आपकी गाड़ी भोपाल पेट्रोल पंप पर खड़ी है और उसका टोल राजस्थान में कट गया है...चौंकिए नहीं...मध्यप्रदेश में अब एक नई प्रकार ठगी हो रही है- फास्टैग फ्रॉड. यानी अब ठगों ने फास्टैग को निशाना बनाकर ठगी का नया तरीका इजाद कर लिया है. ये ठगी इतने शातिर तरीके से की जा रही है कि न पुलिस को समझ आ रहा है और न ही सिस्टम में इसके रोकथाम के कोई उपाय ही दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि फास्टैग फ्रॉड से बचाव के लिए क्या करें? अपनी रिपोर्ट में हम इस पर बात करेंगे लेकिन पहले कुछ केस स्टडी पर नजर डाल लेते हैं जो तस्वीर को और साफ कर देंगे.
गाड़ी भोपाल में, टोल कटा नर्मदापुरम में
सबसे पहले बात अनिल एडविन की. वे बीते 21 मार्च को भोपाल में अपने सरकारी कार्यालय में थे, उनकी गाड़ी ऑफिस के बाहर खड़ी थी. इसी दौरान उनके फास्टैग से 115 रुपये नर्मदापुरम के बागरातवा टोल प्लाजा पर कट गए. उन्हें समझ ही नहीं आया कि भोपाल में खड़ी गाड़ी का भुगतान दूसरे जिले में कैसे हो सकता है? अनिल ने NDTV को बताया कि वे इस मामले की शिकायत साइबर सेल में करेंगे. अनिल ने टोल टैक्स काटने वाली कंपनी से CCTV फुटेज की भी मांग की है लेकिन वो उन्हें नहीं मिला.
गाड़ी पेट्रोल पंप पर, टोल कटा राजस्थान में
हमें एक दूसरे पीड़ित मिले. उनका नाम है मनोज राजपूत. बीते दिनों उनकी गाड़ी भोपाल के एक पेट्रोल पंप पर खड़ी थी, लेकिन उनके फास्टैग से 465 रुपये राजस्थान के एक टोल प्लाजा पर कट गए. जब उन्हें पता चला तो उन्होंने ऐप पर शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन कोई हल नहीं निकला. वे बताते हैं कि मैंने फास्टैग के एप पर जाकर पेमेंट की वापसी के लिए प्रयास किए लेकिन उनके हाथ सिर्फ असफलता ही लगी. ऐसे ही एक पीड़ित NDTV को मिले. नाम है- रवि साहू. वे कुछ दिनों पहले अपनी चमचमाती कार से उज्जैन गए थे लेकिन उनके फास्टैग से दो बार 45-45 रुपये कट गए. इसके बाद से ही वो पुलिस में शिकायत करने की कोशिश कर रहे हैं पर निराशा हाथ लगी.
पुलिस के लिए भी नया है मामला
इन मामलों से साफ है कि फास्टैग फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस ठगी की शिकायत कहां की जाए? किस थाने जाएं? किससे मदद मांगें? भोपाल पुलिस भी इस नई तरह की ठगी से अंजान है.पुलिस कमिश्नर कार्यालय में साइबर ठगी से जुड़ी जानकारियां दी गई हैं, लेकिन फास्टैग ठगी का कोई जिक्र नहीं है.NDTV ने जब भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्रा ने सवाल किया तो उनका कहना था- सायबर फ्रॉड के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं. अब फास्टैग से ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं, हम इस पर काम कर रहे हैं.
एक्सपर्ट्स ने बताया- कैसे बच सकते हैं आप
वैसे पीड़ित लोग अब सायबर एक्सपर्ट्स की भी मदद ले हे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठग हमारे फास्टैग की क्लोनिंग कर रहे हैं, जिससे बिना वाहन की मौजूदगी के भी पैसे कट रहे हैं. साइबर एक्सपर्ट शोभित चतुर्वेदी ने NDTV को बताया कि हमारे सिस्टम में सुधार की जरूरत है. फास्टैग की क्लोनिंग से बचने के लिए उपभोक्ताओं को इसे सीधे बैंक अकाउंट से लिंक करने की बजाय वॉलेट से लिंक करना चाहिए. इससे बड़ा नुकसान होने से बचा जा सकता है. जाहिर है जब तक इस तरह की ठगी से बचने का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं होता तब तक हमारी सावधानी ही हमें बचा सकती है.
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