National Human Right commission: धार (Dhar) जिले में एक सरकारी छात्रावास के अधीक्षक के निर्देश पर पानी की टंकी साफ करते समय दो आदिवासी छात्रों की कथित तौर पर करंट लगने से मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एमपी सरकार (MP Government) ने जवाब तलब कर दिया है. दरअसल, एनएचआरसी ने मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) को उन खबरों पर नोटिस जारी किया है, जिनमें कहा गया है कि धार जिले में एक सरकारी छात्रावास के अधीक्षक के निर्देश पर पानी की टंकी साफ करते समय दो आदिवासी छात्रों की कथित तौर पर करंट लगने से मौत हो गई.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक बयान में कहा कि खबरों के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि छात्रावास अधिकारियों ने लड़कों को ऐसा खतरनाक काम करने के लिए कहकर “असंवेदनशीलता” दिखाई, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. आयोग ने बताया कि हमने खबर पर स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें 25 सितंबर को मध्य प्रदेश के धार जिले में एक सरकारी छात्रावास के अधीक्षक के निर्देश पर पानी की टंकी साफ करते समय अनुसूचित जनजाति के दो छात्रों की करंट लगने से मौत हो गई. मीडिया में 26 सितंबर को आई खबर के अनुसार, छात्र टैंक की सफाई करते समय पानी के पंप से जुड़े एक तार के संपर्क में आ गए. खबर में कहा गया है कि उन्हें ग्रामीणों ने टैंक में पड़े देखा और छात्रावास के अधिकारियों को सूचित किया.
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आयोग ने कहा है कि अगर खबर की विषय-वस्तु सही है तो इससे पीड़ित छात्रों के मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में गंभीर चिंता उत्पन्न होती है. आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. बयान में कहा गया है कि रिपोर्ट में पुलिस जांच की स्थिति और दोनों पीड़ितों के परिवारों को अगर मुआवजा दिया गया है तो उसकी जानकारी भी शामिल की जाए.
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