अब बाजार में आया नया गेहूं ! चपाती बनाइए या पास्ता, दोनों के लिए मुफीद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से राष्ट्र को हाल ही में समर्पित फसलों की 109 उन्नत किस्मों में शामिल ‘पूसा गेहूं गौरव' (HI - 8840) देशी-विदेशी पकवानों के पैमानों पर खरी है. नए किस्म के इस ‘ड्यूरम' गेहूं से उम्दा चपाती और पास्ता, दोनों बनाया जा सकता है.

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(फाइल फोटो)

New Variety of Wheat : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से राष्ट्र को हाल ही में समर्पित फसलों की 109 उन्नत किस्मों में शामिल ‘पूसा गेहूं गौरव' (HI - 8840) देशी-विदेशी पकवानों के पैमानों पर खरी है. नए किस्म के इस ‘ड्यूरम' गेहूं को कुछ इस तरह विकसित किया गया है कि इससे उम्दा चपाती और पास्ता, दोनों बनाया जा सकता है. पूसा गेहूं गौरव' को Indian Institute of Agricultural Research (ICAR) के इंदौर के प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. जंग बहादुर सिंह ने विकसित किया है. सिंह ने PTI -भाषा को बताया कि ‘ड्यूरम' गेहूं की आम किस्म के आटे से चपाती बनाने में दिक्कत पेश आती है लेकिन ‘पूसा गेहूं गौरव' के साथ यह समस्या नहीं है.

इससे रोटियां बनेंगी मुलायम

उन्होंने कहा, “‘पूसा गेहूं गौरव' के आटे में पानी सोखने की क्षमता आम गेहूं के मुकाबले ज्यादा है. इस कारण इसकी रोटियां मुलायम बनती हैं. इसमें येलो पिगमेंट के ऊंचे स्तर के चलते इससे बेहतरीन गुणवत्ता का पास्ता भी बनाया जा सकता है. ” सिंह ने बताया कि ‘पूसा गेहूं गौरव' में प्रोटीन (12 प्रतिशत), आयरन (38.5 पीपीएम) और जिंक (41.1 पीपीएम) जैसे पोषक तत्व समाए हैं.

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इस गेहूं की पैदावार भी आसान

गेहूं की यह किस्म  जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के मद्देजर विकसित की गई है और सामान्य से कम सिंचाई और ज़्यादा तापमान पर भी बढ़िया पैदावार देने में सक्षम है. सिंह ने बताया कि सिंचाई की सीमित सुविधाओं में इस किस्म की औसत उत्पादन क्षमता 30.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि इससे 39.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की ज़्यादातर पैदावार ली जा सकती है.

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विदेशों तक हो रही खूब मांग

उन्होंने बताया कि ‘पूसा गेहूं गौरव' प्रायद्वीपीय क्षेत्रों और देश के मध्यवर्ती हिस्सों में खेती के लिए चिन्हित की गई है.  ‘ड्यूरम' गेहूं को आम बोलचाल में ‘मालवी' या ‘कठिया' गेहूं कहा जाता है और इस किस्म के गेहूं के दाने सामान्य किस्मों के गेहूं से कड़े होते हैं.  पास्ता, सूजी, दलिया और सेमोलिना तैयार करने के लिए आदर्श माने जाने वाले ‘ड्यूरम' गेहूं की इन दिनों अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी मांग है.

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