Bhartiya Nyay Sanhita: मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में अगले माह जुलाई की पहली तारीख से आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) इतिहास बन जाएंगे और उनकी जगह भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) प्रभावी हो जाएंगे. मध्य प्रदेश में नए आपराधिक कानून को लागू करने को लेकर व्यापक तैयारी कर ली है.
नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने व्यापक तैयारी
मध्य प्रदेश में नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने व्यापक तैयारी की है. मध्य प्रदेश डीजीपी सुधीर सक्सेना ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम का सभी विवेचना अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया.इसमें सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और एसडीओपी शामिल हुए.
वीडियो कांफ्रेंसिंग में डीजीपी सुधीर सक्सेना ने नए कानून के क्रियान्वन के लिए दिए निर्देश
वीडियो कांफ्रेंसिंग में डीजीपी सुधीर सक्सेना ने निर्देश दिया कि नए आपराधिक कानून को प्रभावी तरीके से क्रियान्वन के लिए प्रदेश के सभी पुलिस थानों में कार्यक्रम आयोजित किया जाए. उन्होंने इस दौरान सभी एडीजी/आईजी, रेंज डीआईजी ,पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश दिए.
तीन नए कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारी के संबंध में डीजीपी ने की समीक्षा बैठक
एमपी डीजीपी सुधीर सक्सेना ने प्रदेश में तीनों नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वन की तैयारी को लेकर सभी पुलिस अधिकारियों को साथ समीक्षा बैठक की और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए. इसके लिए सभी कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया.
नए आपराधिक कानूनों की प्रक्रिया को लेकर 60 हजार से अधिक कर्मचारियों को ट्रेनिंग
डीजीपी सक्सेना ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों की प्रक्रिया को लेकर प्रशिक्षण शाखा ने प्रदेश के 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम व ऑनलाइन माध्यम से इस प्रशिक्षण को कॉन्टेबल स्तर तक भी पहुंचाया गया, जबकि एफएसएल के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों का प्रशिक्षण हो चुका है.
प्रदेश भर में 302 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग
एडीजी ट्रेनिंग सोनाली मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बताया कि नए कानूनों के संबंध में प्रदेश भर में 302 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया. एडीजी सीआईडी पवन श्रीवास्तव ने बीएनएस, बीएनएसएस की परिभाषाओं और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी.
आईसेजेएस, संकलन एप, साक्ष्य एप, ई-विवेचना एप के बारे में जानकारी दी गई
वहीं, एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर ने बताया कि नए कानूनों में तकनीक को बहुत महत्व दिया गया है. इससे जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी और पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस में तीनों कानून अपलोड हो चुके हैं. इस दौरान आईसेजेएस, संकलन एप, साक्ष्य एप, ई-विवेचना एप के बारे में भी जानकारी दी गई.
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