Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से एक बड़ी खबर सामने आइए यहां पर आरोप लगाया गया है कि कामथेन सिक्योरिटी एवं आउटसोर्स कंपनी (Kamthen Security & Outsource Company) ने स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के कुछ अधिकारियों से मिलकर जिला चिकित्सालय पन्ना (District Hospital Panna) एवं विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (Community Health Centers) में लगे लगभग 250 सिक्योरिटी गार्ड (Security Guard), सफाई कर्मी (Cleaner) एवं अन्य कर्मचारियों के पीएफ (PF) और वेतन में करोड़ों का घोटाला किया है. इस मामले की पड़ताल करने के लिए NDTV की टीम ने पीड़ित आउटसोर्स कर्मियों और जिम्मेदार अधिकारियों से बात करके उनका हाल जाना, जहां पीड़ितों की समस्याएं बड़े भ्रष्टाचार का इशारा कर रही हैं, वहीं अधिकारियों से घिसे-पिटे जवाब मिले.
10 वर्ष से नहीं मिला PF, वेतन भी योग्यता अनुसार नहीं दिया
आउटसोर्स कर्मियों का आरोप है कि वर्ष 2014 से 2024 तक कर्मचारियों को ना ही पीएफ दिया गया और ना ही योग्यता अनुसार वेतन दिया है. सिक्योरिटी गार्ड एवं सफाई कर्मचारियों के द्वारा एक नहीं कई बार शिकायत की गई, आवेदन दिए गए और ज्ञापन सौंपे गए. इतना ही नहीं कई बार हड़ताल, धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी हुए, लेकिन हर बार टेंडर ब्लैक लिस्टेड हो चुकी कंपनी को ही दिया जाता रहा.
अधिकारी ने दिए रटे-रटाए जवाब
इस मामले के संबंध में जब सीएमएचओ डॉ वीएस उपाध्याय से चर्चा की गई तो उनके द्वारा गोल-मोल जवाब दिया गया. जबकि हकीकत यह है कि कई बार हुई जांच में अनियमितता और भ्रष्टाचार सिद्ध होने के बावजूद फिर नई जांच का हवाला देकर फिर इसी कंपनी को टेंडर सौंप दिया जाता रहा है. इस प्रकार आउटसोर्स कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी मिलकर कर्मचारियों के शोषण के साथ-साथ भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं.
अब जानिए पीड़ितों की कहानी उन्हीं की जुबानी
कामथेन सिक्योरिटी कंपनी के कारनामे एक-एक कर उजागर हो रहे हैं. ब्लैक लिस्टेड होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस कंपनी को टेंडर देते रहे है. कंपनी ने 10 साल से सैकड़ों कर्मचारियों के पीएफ का पैसा नहीं दिया और वेतन में भी करोड़ों का घोटाला किया है. देवरी गढ़ी के निवासी सुखमन चैबे ने कलेक्टर को शिकायती आवेदन सौंपकर बताया कि उसने 6 माह तक कामथेन सिक्योरिटी में काम किया, अपने पैसों से कई सामान खरीदे, लेकिन 6 माह में केवल 3000 रुपये दिए गए. इस प्रकार कई सफाई कर्मियों और सिक्योरिटी गार्डों को पैसे नहीं दिए गए. पैसे मांगने पर धमकी देते या फिर काम से निकाल देते थे.
पीड़ितों ने कलेक्टर को अवेदन सौंप पर कामथेन को टेंडर नहीं देने, सभी का पीएफ और वेतन दिलवाने और एफआईआर दर्ज करवा कर कार्यवाई करने की मांग उठाई है.
अव्यवस्था और लापरवाही आए दिन जिला अस्पताल में दिखती है
जिला हॉस्पिटल पन्ना में आए दिन कुछ न कुछ लापरवाही होती रहती है. कभी मरीजों को डॉक्टर नहीं मिलते, कभी ब्लड बैंक में ब्लड नहीं रहता, कभी एंबुलेंस के ड्राइवर अलग से पैसे मांगते हैं, तो कभी समया पर बेड उपलब्ध नहीं होते. ऐसा लगता है कि यहां सब कुछ राम भरोसे है! कई बार जिला प्रशासन को आवेदन दिए जा चुके हैं पर कोई कार्यवाही न होने के कारण लापरवाही आए दिन होती रहती है. ऐसे में मरीज पन्ना से बाहर जाने को मजबूर होते हैं, सरकार इतना पैसा खर्च करती है लेकिन पन्ना जिले में सब मजाक बना कर रखा है.
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