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This Article is From Jan 30, 2024

Chhattisgarh: सुकमा-बीजापुर सीमा कैंप पर नक्सलियों का बड़ा हमला, 3 जवान शहीद, 14 घायल

Naxalite Attack: सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती गांव टेकलगुड़ा में आज ही सुरक्षा कैंप लगाया गया है. टेकलगुड़ा इलाका नक्सलियों के बटालियन का सबसे मजबूत इलाका माना जाता है. इलाके में सुरक्षा कैंप की स्थापना से बौखलाए नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया.

Chhattisgarh: सुकमा-बीजापुर सीमा कैंप पर नक्सलियों का बड़ा हमला, 3 जवान शहीद, 14 घायल
हमले में 14 जवानों के घायल होने की सूचना है.

Naxal Attack in Sukma: छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) और बीजापुर जिले (Bijapur) के सीमावर्ती क्षेत्र टेकलगुड़ा गांव में नक्सलियों ने जवानों पर बड़ा हमला (Naxal Attack on Security Forces) किया है. जिसमें सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 14 घायल बताए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती गांव टेकलगुड़ा में आज ही सुरक्षा कैंप लगाया गया है. टेकलगुड़ा इलाका नक्सलियों (Naxalite Area Sukma) के बटालियन का सबसे मजबूत इलाका माना जाता है. इलाके में सुरक्षा कैंप की स्थापना से बौखलाए नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया.

Naxalite Attack in Sukma

इस हमले में घायल हुए जवानों का इलाज किया जा रहा है.

पुलिस के मुताबिक 14 जवान घायल

पुलिस के आधिकारिक बयान के मुताबिक, कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी बल के जवान जोनागुड़ा-अलीगुड़ा क्षेत्र में गस्त और सर्चिंग कर रहे थे. इसी दौरान नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी. इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए जवानों ने भी नक्सलियों पर जवाबी कार्रवाई की. जिसके बाद नक्सली जंगल में भाग गए. पुलिस ने बताया कि इस मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हुए हैं, जबकि 14 जवान घायल हैं. घायल जवानों को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रायपुर भेजा गया है और उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है.

नक्सल समस्या से मुक्ति के लिए सुरक्षाबल समर्पित

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (Bastar IG) सुन्दरराज पी ने बताया कि इस क्षेत्र की जनता को नक्सल समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए बस्तर पुलिस एवं तैनात सुरक्षा बल लगातार काम कर रहे हैं. वर्ष 2021 में टेकलगुड़ा मुठभेड़ में हमें भारी नुकसान होने के बावजूद हमने जनहित में आज फिर से मजबूती से टेकलगुड़ा गांव में कैंप स्थापित किया. इस कैंप की मदद से हम क्षेत्र की शांति, सुरक्षा एवं विकास हेतु समर्पित होकर कार्य करेंगे. आपको बाद दें कि इससे पहले वर्ष 2021 में टेकलगुड़ा के जंगल में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 23 जवानों की शहादत हुई थी. 

पढें दिवाकर मुक्तिबोध का कॉलम- नक्सल समस्या पर नई पहल: मान जाओ,वर्ना मारे जाओगे !

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