कीलों के बिस्तर पर लेट कर माता रानी की भक्ति, कहा- "देश की शांति के लिए... "

Mata Rani Special : मंदिर के पुजारी बालक दास बैरागी ने बताया कि भक्त दयाराम की तपस्या नौ दिनों तक जारी रहेगी. इस दौरान वे निराहार रहेंगे. वर्तमान में विश्व के कई देशों में युद्ध हो रहे हैं जिसे देखते हुए वे चाहते हैं कि हमारे देश में अमन, चैन बना रहे.

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Navratri 2024 : शक्ति की भक्ति के पर्व नवरात्रि में इन दिनों माता के भक्तों की तरफ से अनेकों प्रकार से आराधनाएं की जा रही हैं. सुख, शांति, और समृद्धि की कामना को लेकर हर कोई माता की भक्ति में लीन है. माता की भक्ति की एक अनोखी आराधना सरदारपुर तहसील के राजगढ़ के पास अमोदीया गांव में देखने को मिली जहां छोटा ऊंचा कोटड़ा धाम के चंडी चामुंडा माता मंदिर में भक्त दयाराम कटारा निराहार रहकर 2551 लोहे की कीलों पर लेटकर माता की आराधना कर है जो इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. भक्त दयाराम की इस कठोर साधना को देखने के लिए आसपास के इलाके के लोग मंदिर में पहुंच रहे हैं.

देश की शांति के लिए सकंल्प

आपको बता दें कि अमोदीया निवासी दयाराम कटारा नवरात्रि के पहले दिन से ही निराहार रहकर माता की आराधना कर रहे हैं. इतना ही नहीं, वे लोहे की लगभग 2551 कीलों से बने बिस्तर पर लेटकर अपने पेट के ऊपर ज्वारा बोए हुए हैं. माता के सामने ज्योति कलश प्रज्वलित कर दयाराम माता की साधना में लीन हैं और नवरात्रि के अंतिम दिन अपनी साधना को विराम देंगे. भक्त दयाराम का कहना है कि उनका माता के प्रति अटूट विश्वास है इसलिए वे इस बार नवरात्रि में इस प्रकार की कठोर आराधना कर रहे हैं ताकि देश में अमन, चैन, और सद्भावना बनी रहे.

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पूरी नवरात्रि रहेंगे भूखे-प्यासे

मंदिर के पुजारी बालक दास बैरागी ने बताया कि भक्त दयाराम की तपस्या नौ दिनों तक जारी रहेगी. इस दौरान वे निराहार रहेंगे. वर्तमान में विश्व के कई देशों में युद्ध हो रहे हैं जिसे देखते हुए वे चाहते हैं कि हमारे देश में अमन, चैन बना रहे. इसी के साथ इलाके के लोगों पर भी माता रानी का आशीर्वाद बना रहे. इन्हीं कामनाओं के साथ दयाराम इस कठोर आराधना में अब तक लीन हैं.

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