चंदेलकालीन देवी जगदंबी के खुले कपाट, Navratri पर मिलेगा निशुल्क प्रवेश, ये है खासियत

Jagdambi Temple Khajuraho: नवरात्रि में खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में देवीपूजन के लिए निशुल्क प्रवेश मिलेगा.इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जगदम्बी देवी नवरात्र के दौरान अपने स्वरूप बदलती हैं, जिससे भक्तों को देवी के अलग-अलग रूपों के दर्शन हो जाते हैं.

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Navratri 2024 Special: छत्तरपुर के खजुराहो में शारदीय नवरात्र को लेकर भक्तों में उत्साह है, अब यह है 9 दिनों के लिए हर दिन अलग-अलग नवदुर्गा के रूपों में पूजी जाने वाली मां दुर्गा को लोग अलग-अलग रूपों में नौ दिनों तक भक्त शक्ति की उपासना और पूजन करते हैं. इसी प्रकार विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन पश्चिमी मंदिर समूह स्थित चंदेल कालीन जगदंबी देवी मंदिर के कपाट  पहले दिन सुबह खुले गए हैं.

सबसे पहले बना था इनका मंदिर

मां जगदम्बी देवी.

खजुराहो के मंदिरों का जिस प्रकार से निश्चित समय होता है कि सूर्योदय के साथ ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है, जो सूर्य अस्त तक रहेगी. इस प्रकार से प्रतिदिन इस मंदिर के देवी भक्ति दर्शन कर सकेंगे. बताया जाता है कि यह देवी मंदिर उस समय का है. जब यह मंदिर खजुराहो के निर्मित किए गए थे, उसे समय सर्वप्रथम देवी और गणेश की प्रतिमा का ही मंदिर बनाया गया था.

 ये मंदिर इस सदी के बीच बना था

यहां भक्त देवी मां को जल चढ़ाने, पूजा अर्चना के साथ आरती भी करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस मंदिर में आते हैं, उनकी  मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर के गर्भगृह के कपाट की खासियत यही है कि यह साल भर में आश्विन मास की शारदीय और चैत्र मास में पड़ने वाले नवरात्र में ही खुलते हैं.बाकी समय बंद रहते हैं. खजुराहों में मंदिर 9वीं से 11वीं सदी के समय चंदेल राजाओं ने कई मंदिर बनवाए थे. ये हिंदू और जैन देवताओं को समर्पित हैं.

कपाट खुलते ही भक्तों की लगी कतारे 

कालांतर में इस मंदिर के गर्भ गृह में देवी पार्वती की मूर्ति स्थापित की गई थी, जिसे बाद में देवी जगदम्बी के रूप में प्रसिद्धि मिली. नवरात्र में देवीभक्त यहां पूजन-अर्चन करने लगे, जो आज भी अनवरत जारी है. वैसे तो पुरातत्व विभाग के अधीन सभी मंदिरों के गर्भगृह बंद रहते हैं, लेकिन देवी जगदंबी मंदिर के गर्भगृह को नवरात्र पर्व पर न केवल खोला जाता है,बल्कि निशुल्क प्रवेश भी रखा गया. पश्चिमी मंदिर समूह के इस मंदिर के कपाट खुलते ही भक्तों का तांता लग जाता है.

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अलग-अलग रूपों के दर्शन होते हैं

इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जगदम्बी देवी नवरात्र के दौरान अपना स्वरूप बदलती हैं, जिससे भक्तों को देवी के अलग-अलग रूपों के दर्शन हो जाते हैं. भक्तों की सभी इच्छाएं देवी माता पूरी करती हैं. इस मंदिर में आसपास के क्षेत्र से ही नहीं देश भर से देवी भक्त आते हैं.

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