जोड़-घटाव भी नहीं कर पाते MP के 22 फीसदी लोग, NSSO की रिपोर्ट में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

NSS Report: नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के कंप्रिहेंसिव एनुअल मॉड्यूलर सर्वे के आंकड़ें चौंकाते हैं, इसमें बताया गया है कि एमपी के 22 फीसदी लाेग बेहतर ढंग से सरल वाक्य नहीं पढ़ पाते हैं, इसके अलावा साधारण जोड़-घटाव करने में सक्षम नहीं हैं.

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Comprehensive Annual Modular Survey Report: नेशनल सैंपल सर्वे (National Sample Survey) या एनएसएस (NSS) के कंप्रिहेंसिव एनुअल मॉड्यूलर सर्वे (Comprehensive Annual Modular Survey) में कई चौंकाने वाले आंकड़े समाने आए हैं. इस सर्वे के आधार पर जो रिपोर्ट सामने आयी है, उससे पता चलता है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 22 फीसदी लोगों की गणित (Math) बेहद कमजोर है. इनकी हालत ऐसी है कि ये साधारण जोड़-घटाव भी नहीं कर सकते हैं. इस लिस्ट में सबसे बेहतर हालात महाराष्ट्र के हैं. महाराष्ट्र (Maharashtra) में सिर्फ 11.8%, हरियाणा (Haryana) में 15.1%, गुजरात (Gujrat) में 15.8%, पंजाब में 16.5%, छत्तीसगढ़ में 19.9%, झारखंड में 21.2%, मध्य प्रदेश में 22 फीसदी, बिहार में 23.6 प्रतिशत और यूपी में 25.4% लोग जोड़-घटाव भी नहीं कर पाते हैं.

देश के क्या हालात हैं?

बात करें अगर पूरे देश की तो हमारे यहां 15 साल से ऊपर के 28 प्रतिशत लोगों को साधारण वाक्य पढ़ना-लिखना और सामान्य गणित यानी जोड़-घटाना करना भी नहीं आता है. वहीं 15 से 24 साल की आयु वर्ग के लोगों में यह आंकड़ा सिर्फ 3 फीसदी है.

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कितने लोग हुए सर्वे में शामिल?

नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के 79वें दौर में कंप्रिहेंसिव एनुअल मॉड्यूलर सर्वे (CAMS) जुलाई, 2022 से जून, 2023 तक आयोजित किया गया था. कंप्रिहेंसिव एनुअल मा‌ॅड्यूलर सर्वे में 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित क्षेत्रों के लगभग 3 लाख घरों और करीब 13 लाख लोगों को शामिल किया गया था. 

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इस सर्वे का प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा, चिकित्सा व्यय, मोबाइल और इंटरनेट के उपयोग, वित्तीय समावेशन (फाइनेंसियल इंक्लूजन), सूचना और संचार प्रौद्योगिकी कौशल, परिसंपत्तियां इत्यादि से संबंधित संकेतक आंकड़े एकत्रित करना था. इसके अलावा पेय जल, स्वच्छता, ऊर्जा उपयोग, जन्म पंजीकरण, परिवहन सुविधाओं की उपलब्धता इत्यादि से संबंधित जानकारी भी एकत्र की गई.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ दुर्गम गांवों को छोड़कर पूरे देश में यह सर्वेक्षण किया गया.

रिपोर्ट में यह भी सामने आया

  • ग्रामीण क्षेत्रों में 15-24 आयु वर्ग के 95.7% लोग मोबाइल फोन के उपयोग में निपुण हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आँकड़ा 97% है. 
  • 15-24 वर्ष की आयु के 82.1% ग्रामीण युवा इंटरनेट के उपयोग में सक्षम हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आँकड़ा 91.8% है.
  • देश भर में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लगभग 94.6% व्यक्तियों का किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान में संयुक्त रूप से या व्यक्तिगत खाता है.
  • लगभग 93.7 प्रतिशत शहरी आबादी की अपने आवास से 500 मीटर के भीतर सार्वजनिक परिवहन (बस, कार, टैक्सी, ऑटो आदि) तक आसान पहुंच है.

अच्छी बात यह रही कि इस सर्वेक्षण के अनुसार 15 से 24 आयु वर्ग के लगभग 96 दशमलव 9 प्रतिशत व्यक्ति सरल कथन समझने, उन्हें पढ़ने-लिखने और सरल अंकगणित गणना में सक्षम हैं. इस आयु वर्ग के लगभग 97 दशमलव 8 प्रतिशत पुरुष और 95 दशमलव 9 प्रतिशत महिलाएं इस सक्षम श्रेणी में हैं.

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