अधूरी टंकी से दो साल से हो रहा पानी का इंतजार, नलकूप सूखे, लेकिन बिल आ रहा भरपूर

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के चांवरपाठा ब्लॉक के पड़रिया ग्राम पंचायत और सिमरिया गांव में जल संकट की समस्या गंभीर है. दोनों गांवों में पानी की टंकी और पाइप लाइन बिछाई गई है, लेकिन टंकी का काम अधूरा होने और मोटर नहीं डालने से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

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Water Crisis: मध्य प्रदेश में नरसिंहपुर जिले में ठेकेदार और अधिकारियों ने जल संकट के हालात बना दिए हैं. गांव में लोग पानी के लिए तरह रहे हैं. ठेकेदारों ने पानी की टंकी तो बना दी, लेकिन उसका काम अधर में छोड़ दिया. इसके चलते अब पानी नहीं आ रहा है, लेकिन लोगों का बिजली का बिल भारी भरकम आ रहा है.

नरसिंहपुर के चांवरपाठा ब्लॉक के पड़रिया ग्राम पंचायत में पिछले दो सालों से लोग टंकी का काम पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि पीने के लिए पानी की व्यवस्था हो सके. करीब दो वर्षों से बन रही टंकी आज भी अधूरी है. आश्चर्य इस बात का है कि इसका हजारों का बिजली का बिल जरूर आया है. गांव में पाइप लाइन भी बिछा दी गई है, लेकिन लोगों का टंकी में पानी आने का इंतजार है. गांव के लोग जर्जर हैंडपंप के जरिए अपने कंठ की प्यास बुझाने को मोहताज हैं.

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गांव में नलकूप, लेकिन नहीं डाली मोटर

पड़रिया ग्राम पंचायत के एक और गांव सिमरिया में भी यही हाल है. इस गांव में भी PHE विभाग ने नलकूप का गड्ढा कर दिया है, लेकिन आज तक मोटर नहीं डाली है. यहां के सरपंच बताते हैं कि बिजली का कोई कनेक्शन नहीं है. बावजूद उन्हें करीब 35000 का बिल इस गड्ढे में बिजली चलाने के नाम पर थमाया है. गांव में पाइप लाइन बिछाई है, लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में महिलाओं को घर से दूर तक का सफर कर पानी लाना पड़ता है.

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इन मामलों को लेकर पीएचई विभाग के ईई रंजन ठाकुर ने पडरिया गांव में नलकूप से पानी सप्लाई की बात कही है. वहीं, सिमरिया में बिजली का कनेक्शन न होने की बात भी स्वीकारी है. हालांकि बिल कैसे आ रहे हैं, इसको लेकर जांच की जाएगी.

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