Madhya Pradesh News: नर्मदापुरम के पिपरिया के शासकीय भगत सिंह कॉलेज (Piparia Bhagat Singh College) में एक चपरासी कॉलेज की उत्तर पुस्तिका चेक कर रहा था. जब इसका वीडियो वायरल हुआ तो मामले को उच्च शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया. अब जांच पूरी होने के बाद विभाग ने कार्रवाई की है.
क्या है मामला
पिपरिया के शासकीय भगत सिंह महाविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पन्ना लाल पठारिया परीक्षा की उत्तर पुस्तिका चेक करने का वीडियो सोशल मीडिया पर जनवरी में वायरल हुआ था. छात्रों ने वीडियो स्थानीय विधायक को भी दिया था, जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग के संज्ञान में मामला आ आया. इसके बाद जांच के निर्देश दिए गए.
गेस्ट फैकल्टी की कॉपी का किया मूल्यांकन
जांच समिति ने तीन महीने में अपनी रिपोर्ट में महाविधालय के प्रभारी प्राचार्य और एक प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही. जांच कमेटी की जांच में चपरासी पन्ना लाल ने बताया कि उसने गेस्ट फैकल्टी खुशबू पगारे की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन किया था, जिसके बदले उसे 5000 रुपये मिले थे.
बुक लिफ्टर ने 7000 लेकर चपरासी से कराईं कॉपी चेक
कमेटी की पूछताछ पर खुशबू ने बताया कि तबीयत खराब होने के चलते कॉलेज बुक लिफ्टर राकेश मेहरा को 7000 रुपये देकर कॉपी का मूल्यांकन करवाने के लिए कहा था. उसके बाद राकेश ने 5000 रुपये पन्ना लाल को देकर कॉपी चेक करवा ली.
कमेटी ने इन्हें माना दोषी
जांच समिति ने इस मामले में प्रभारी प्राचार्य राकेश वर्मा और प्रोफेसर राम गुलाम पटेल को दोषी माना. इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग भोपाल ने दोनों को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया.
बरहाल अब इस मामले में छात्र संगठन आमने-सामने आ गए हैं, जहां एक ओर एनएसयूआई प्रभारी प्राचार्य के निलंबन को गलत बताकर निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है तो वहीं, एबीवीपी निलंबन की कार्यवाही को सही बता रहा है.