कुएं में डूब रही 'हिंदू बहन' को बचाने के लिए मुस्लिम युवकों ने लगा दी जान की बाजी, वीडियो देखकर आप भी करेंगे सलाम

MP News: कुएं में डूब रही 'हिंदू बहन' को बचाने के लिए मुस्लिम युवक परवेज ने बिना एक पल गंवाए कुएं में छलांग लगा दी. कुआं काफी गहरा था और उसमें बिजली की अर्थिंग भी चल रही थी, लेकिन परवेज ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने संघर्ष करते हुए ललिता को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. घटना के बाद जब लोगों को पता चला कि मुस्लिम युवकों ने जान की परवाह किए बिना एक हिंदू युवती को बचाया, तो हर कोई उनकी बहादुरी को सलाम कर रहे हैं.

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में इन दिनों मुस्लिम विरोध चरम पर है. हालत ये है कि बाजारों और मेलों में मुसलमानों की नो एंट्री के नारे लगाए जा रहे हैं. जगह-जगह मुस्लिम व्यापारियों, चूड़ी वालों और मेहंदी वालों का कथित लव जिहाद की आड़ में विरोध किया जा रहा है. ऐसे में धार जिले से इंसानियत की एक अनोखी मिसाल पेश करने वाली खबर सामने आई है.

यहां समुदाय से ऊपर उठकर कुछ नौजवानों ने एक हिंदू युवती की जान बचाकर कौमी एकता और भाईचारे की मिसाल पेश की है. दरअसल, यह घटना 4 अक्टूबर की रात करीब 3 बजे की है. बस स्टैंड के पीछे श्रीमाया होटल के सामने एक युवती ललिता ने आत्महत्या के इरादे से गहरे कुएं में छलांग लगा दी. उस समय आसपास अंधेरा था, लेकिन कुएं के पास से गुजर रहे कुछ युवक — सोहेल, टायसन बेग, वसीम क़ाज़ी, सोनू रघुवंशी, शब्बर बेग, लक्की बेग, गोलू बनदिया, साहिल मंसूरी, अबुज़र खान और फैज़न शेख ने बच्चों के रोने की आवाज सुनी. जब वे मौके पर पहुंचे, तो देखा कि युवती कुएं के अंदर पानी में डूब रही है.

युवकों के हौसले की जमकर हो रही है तारीफ

हालांकि, उनमें से कोई भी अच्छा तैराक नहीं था, फिर भी सबने मिलकर युवती को बचाने का निर्णय लिया. तभी सोहेल श्रीनगर कॉलोनी के परवेज शेख को बुलाने दौड़े और परवेज ने बिना एक पल गंवाए कुएं में छलांग लगा दी. कुआं काफी गहरा था और उसमें बिजली की अर्थिंग भी चल रही थी, लेकिन परवेज ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने संघर्ष करते हुए ललिता को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. घटना के बाद जब लोगों को पता चला कि मुस्लिम युवकों ने जान की परवाह किए बिना एक हिंदू युवती को बचाया, तो हर कोई उनकी बहादुरी को सलाम कर रहे हैं.

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'इंसानियत को बचाने के लिए धर्म नहीं आने देंगे आड़े'

धार में यह घटना आज मानवता और कौमी एकता की प्रतीक बन गई है. दरअसल, इन युवकों ने साबित कर दिया है कि धर्म नहीं, इंसानियत बड़ी होती है. परवेज शेख और उनके साथियों ने जो किया, उसने समाज को एक गहरा संदेश दिया है कि जब बात जान बचाने की होगी, तो किसी भी दीवार को बंधन नहीं बनने दिया जाएगा. धार की इस घटना ने दिखा दिया है कि जब दिलों में मोहब्बत और इंसानियत जिंदा हो, तो हर धर्म, हर जाति एक हो जाती है. ऐसे नौजवानों को सलाम!

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