मुंबई होर्डिंग हादसा: मलबे में दबे थे जबलपुर के दंपति, 72 घंटे बाद मिला शव... ATC के जनरल मैनेजर के पद से हुए थे रिटायर्ड

Mumbai Hoarding Collapse: सोमवार को मुंबई में तेज आंधी-तूफान आया और बारिश होने लगी. इस बीच घाटकोपर इलाके के छेड़ा नगर में 120 फीट x 120 फीट का बड़ा बिलबोर्ड एक पेट्रोल पंप गिर गया, जिसमें रिटायर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) जनरल मैनेजर मनोज चंसोरिया (60 साल) और उनकी पत्नी अनीता चंसोरिया (59 साल) दब गए थे. जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं. दोनों के शव कार में मिले. ये कार होर्डिंग के मलबे में दबी थी.

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Ghatkopar Hoarding Accident: कहते हैं कि मौत किसी को बता कर नहीं आती, कभी भी कहीं भी आ सकती है. इसका जीता जागता उदाहरण है मुंबई के घाटकोपर में आए तूफान (Ghatkopar Hoarding collapse) में जबलपुर के चंसौरिया दंपति की मौत. रिटायर्ड एयर ट्रैफिक कंट्रोल मैनेजर मनोज चंसोरिया (Manoj Chansoria) और उनकी पत्नी अनीता (Anita Chansoria) कार में पेट्रोल डलवाने के लिए पेट्रोल पंप पहुंचे ही थे कि तभी तूफान के कारण होर्डिंग कार पर गिरा और दोनों की मौत हो गई. 

जबलपुर के हैं चंसोरिया दंपत्ति

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के स्वर्गीय डॉक्टर के पी चंसौरिया के पुत्र मनोज चंसौरिया 1 मार्च को रिटायर हुए थे. पत्नी सहित वह जबलपुर में रह रहे थे. उन्होंने अभी अपने पुश्तैनी मकान का रिनोवेशन कराया था और कुछ दिनों से जरूरी सामान लेने और वीजा के काम से मुंबई में रह रहे थे. मनोज चंसौरिया का बहुत सा सामान जबलपुर आ चुका था. वे कुछ सामान लेने मुंबई गए थे. 

रिटायमेंट के बाद वापस जबलपुर आ गए थे मनोज चंसौरिया

मनोज मुंबई एटीसी के जनरल मैनेजर पद से मार्च 2024 में ही रिटायर हुए थे. वो मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहते थे, लेकिन पत्नी अनीता के वीजा के काम के लिए वो अपनी कार से मुंबई गए थे. काम के बाद वो 13 मई को घाटकोपर के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने गए. इसी दौरान मुंबई में तेज हवाएं और आंधी चली, जिसमें 250 टन के होर्डिंग पंप पर जा गिरा.

Mumbai Hoarding Collapse: 4 दिन तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन.

घरवाले करते रहे तलाश

मनोज और अनीता दोनों मुम्बई में अकेले रहते थे और उनका बेटा अमेरिका में रहते हैं. घटना के दिन यानी 13 मई को मनोज के बेटे ने उन्हें कॉल किया था, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया. कई बार कॉल करने पर मनोज का मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था, जबकि अनीता के मोबाइल पर लगातार रिंग जा रही थी, लेकिन कोई फोन रिसीव नहीं कर रहा था.

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72 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में मिला शव

परेशान मनोज के बेटे ने मुंबई में रहने वाले अपने दोस्त को फोन किया. उनके दोस्त ने मनोज और अनीता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस ने मनोज के फोन की लोकेशन ट्रेस की. फोन घाटकोपर पेट्रोल पंप के पास ट्रेस हुआ. पुलिस ने आशंका जताई की मलबे में मनोज और अनीता हो सकते हैं. जिसके बाद टीम ने मंगलवार की रात मलबे में दो शवों के दबे होने की पुष्टि की, लेकिन तब उनकी पहचान नहीं हो पाई थी. जिसके बाद बुधवार को लोहा काटकर दोनों का शव बाहर निकाला गया.

मलबे में दबे थे मनोज और अनिता

मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के हादसे में बुधवार,16 मई को लगातार चौथे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबे से दो और शव बाहर निकाले गए. ये शव रिटायर्ड एयर ट्रैफिक कंट्रोल मैनेजर मनोज चंसोरिया और उनकी पत्नी अनीता के थे. बता दें कि गुरुवार,16 मई को दोनों दंपति का अंतिम संस्कार मुंबई में किया गया.

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