Mukundpur के Jagannath Mandir की अनोखी है प्रथा, साल 2035 तक बुक है होली पर प्रसाद चढ़ाने की लाइन, जानें यहां के बारे में

Mukundpur Jagannath Mandir Line: सतना जिले में स्थित मुकुंदपुर जगन्नाथ स्वामी मंदिर से जुड़े नियम और कानून बहुत खास है. यहां होली के दिन मिलने वाले खास अटका प्रसाद ग्रहण करने के लिए और भगवान को भोग लगाने के लिए भक्तों को कई वर्षों की लंबी लाइन लगानी पड़ती है.

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भक्तों को लगानी पड़ती हैं सालों पहले नंबर

Satna Jagannath Mandir: 16वीं शताब्दी में रीवा रियासत द्वारा मुकुंदपुर (Mukundpur) में स्थापित किया गया जगन्नाथ स्वामी का मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए पहचाना जाता है. होली के दिन जगन्नाथ स्वामी को अटका प्रसाद का भोग लगता है. यह प्रसाद कढ़ी-चावल से बनता है, जिसे स्थानीय भाषा में अटका का प्रसाद कहते हैं. यह प्रसाद चढ़ाने के लिए भक्तों को अपनी बारी का कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ता है. इस मंदिर में प्रसाद चढ़ाने का तरीका अनोखा है. यहां किसी भी भक्त को वीआईपी एंट्री नहीं मिलती है.

वर्षों पुराने हैं मंदिर से जुड़े रीति-रिवाज

बताया जाता है कि इस मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के इंतजार में कुछ भक्त अपना नंबर लगाकर इस दुनिया से विदा हो गए और जब उनका नंबर आया तब परिवार के सदस्यों द्वारा प्रसाद चढ़ाया गया. रंगों के त्योहार होली के दिन इस मंदिर में बहुत चहल-पहल रहती है. यहां तैयार होने वाले प्रसाद का इंतजार विंध्य क्षेत्र के तमाम भक्तों को रहता है. होली त्यौहार के दिन लगभग 50 से 60 हजार भक्त जगन्नाथ भगवान को महाप्रसाद चढ़ने के बाद अटका प्रसाद ग्रहण करते हैं.

पुरी से लाई गई थी मूर्ति

जगन्नाथपुरी में जिस प्रकार से भगवान श्री कृष्ण, बलराम और बहन सुभद्रा की मूर्ति स्थापित है, ठीक उसी तरह की मूर्ति मुकुंदपुर के जगन्नाथ स्वामी मंदिर में भी 16वीं शताब्दी में यहां के राजा ने स्थापित की थी. तब मंदिर की पूजा-पाठ का जिम्मा राज परिवारों के पास था. लेकिन, जब व्यवस्था में बदलाव हुआ तो पिछले 70 साल से मंदिर का संचालन यहां की प्रबंधन समिति कर रही है.

अटका प्रसाद है खास महत्तव

आवेदन देकर लेना पड़ता है प्रसाद चढ़ाने का नंबर

मंदिर के पुजारी मिजाजी लाल तिवारी ने बताया कि मंदिर के कुछ अपने नियम और कायदे बनाए गए हैं. इनका पालन हर किसी को करना पड़ता है. यहां मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के इच्छुक भक्त प्रबंध समिति के सामने अपना आवेदन लगाते हैं और इस आवेदन के आधार पर भक्तों को प्रसाद चढ़ाने की अवधि निर्धारित की जाती है.

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2035 तक बुक है प्रसाद चढ़ाने की लाइन

340 साल पहले रीवा के राजा भाव सिंह ने जगन्नाथ स्वामी मंदिर की मुकुंदपुर में स्थापना की थी. इस मंदिर में प्रसाद चढ़ाने की लाइन बेहद लंबी लगती है. आज की स्थिति में 2035 तक के लिए यहां नंबर बुक हो चुके हैं. नए भक्तों के लिए यहां आने वाले समय में बुकिंग खुलने की संभावना है. बताया जाता है कि यहां कोई भी वीआईपी व्यवस्था नहीं है, जैसा कि अन्य मंदिरों में होती है.

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उपमुख्यमंत्री ने ग्रहण किया अटका प्रसाद

विंध्य क्षेत्र के प्रसिद्ध जगन्नाथ स्वामी मंदिर में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला अटका प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे. सोमवार को राजेन्द्र प्रसाद के जीजा ने भगवान जगन्नाथ को अटका प्रसाद चढ़ाया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मुकुंदपुर के इस मंदिर की भव्यता को और भी निखारा जाएगा. उन्होंने कहा कि जगन्नाथ मंदिर और यहां की व्हाइट टाइगर सफारी को आपस में जोड़ा जाएगा, ताकि टाइगर सफारी पर आने वाले पर्यटक भी इस ऐतिहासिक स्थान में जगन्नाथ स्वामी के दर्शन कर सकें.

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