Kanya Vivah / Nikah Yojana: मुख्यमंत्री कन्या विवाह / निकाह योजना में हो गए ये बदलाव, जानिए क्या है नया?

Mukhyamantri Kanya Vivah / Nikah Yojana: सीएम मोहन यादव ने नव-दंपतियों से आव्हान किया कि वे शासन की योजनाओं का लाभ लें और स्वयं के तथा अपने परिवार के जीवन स्तर को उन्नत करने के लिए हर संभव प्रयास करें. मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत अब कन्या और उसके अभिभावकों का गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) होना अनिवार्य होगा. आइए जानते हैं क्या कुछ बदलाव हुए हैं?

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Mukhyamantri Kanya Vivah / Nikah Yojana: इस योजना में हुआ बदलाव

Mukhyamantri Kanya Vivah / Nikah Yojana in MP: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कैबिनेट द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह / निकाह योजना (Mukhyamantri Kanya Vivah / Nikah Yojana) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये संशोधनों को मंजूरी दी गई. योजना अंतर्गत कन्या तथा कन्या के अभिभावक गरीबी रेखा के नीचे जीवन निर्वाह करते हों, साथ ही इनका बी.पी.एल. पोर्टल पर सत्यापन अनिवार्य होगा. कन्या विवाह तथा निकाह सम्मेलन के लिये संभागवार वार्षिक चक्रीय रूप से कैलेण्डर जारी कर सामुहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. राज्य शासन की ओर से प्रत्येक वर-वधु को 51 हजार रुपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसमें से 49 हजार रुपये सीधे उनके खाते में डाले जा रहे हैं.

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क्या कुछ नया है?

संभागवार जिलों मे आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में सम्मिलित विवाह जोड़ों की न्यूनतम संख्या 11 एवं अधिकतम 200 जोड़ों की निर्धारित की गयी है. योजना में सामूहिक विवाह/निकाह सम्मेलनों में प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी पूर्व अनुसार निकाय स्तर पर की जायेगीं. पात्र/अपात्र एवं समग्र पोर्टल पर वर-वधू की आधार ई-केवायसी अनिवार्य होगा. सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के लिये शासन की ओर से मिलने वाले आर्थिक लाभ को सार्थक बनाने का प्रयास करते हुये आयोजन में जन-प्रतिनिधियों एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर समाज के संपन्न और सक्षम व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त किया जायेगा.

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मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना में प्रति कन्या राशि 55 हजार रूपये में से वधू को राशि रूपये 49 हजार का एकाउन्ट पेयी चेक और शेष 6 हजार रुपये सामूहिक विवाह समारोह आयोजन के लिए संबंधित निकाय को प्रदाय किया जायेगा. सहायता राशि रुपये 49 हजार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से वधू के खाते में एवं शेष 6 हजार रूपये आयोजन की व्यवस्थाओं पर व्यय के लिए प्रदाय की जायेगी.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति के 16 संस्कारों में से पाणिग्रहण अर्थात विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार है. भारतीय परम्परा में विवाह कोई समझौता या एग्रीमेंट नहीं, अपितु जन्म-जन्मांतर तक चलने वाला पवित्र बंधन है. उन्होंने कहा कि परिवार में आ रही वधू का बेटी के समान प्रेम और सम्मान दिया जाए तथा बेटी भी अपने सास-ससुर को माता-पिता मानकर कुटुंब परंपरा का निर्वहन करें.

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